बहुचर्चित जमीन मामले में बंसू लोहार ने किया समर्पण

अंबिकापुर। नगर के राजमोहिनी देवी भवन के पीछे स्थित 4.22 एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री के मामले में घालमेल में शामिल तत्कालीन नजूल अधिकारी सहित अन्य फरार हैं, वहीं तथाकथित भूमि स्वामी बंसू लोहार लंबे समय बाद बुधवार को सीजेएम न्यायालय में सरेंडर कर दिया। न्यायालय में समर्पण की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बंसू लोहार को आठ दिनों के लिए रिमांड पर देने आवेदन प्रस्तुत किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने उसे चार दिनों के लिए रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। कुछ दिन पहले भी बंसू के न्यायालय में समर्पण के लिए पहुंचने की खबर मिली थी, इसके बाद पुलिस एलर्ट रही लेकिन वह न्यायालय नहीं पहुंचा था। बुधवार की दोपहर बंसू लोहार अपने पोता के साथ न्यायालय पहुंचा, लेकिन इससे पुलिस अनजान रही।


बता दें कि भू-माफियाओं ने बंसू लोहार को मोहरा बनाकर शहर के नमनाकला में स्थित करोड़ों रुपये की बेशकीमती जमीन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया है। मामला कलेक्टर के न्यायालय में भी पहुंचा था, जिसकी सुनवाई कलेक्टर ने की थी। न्यायालय में बंसू लोहार के उपस्थित नहीं होने की स्थिति में नोटिस मिलने पर एक बार उसका पोता दिनेश कुमार विश्वकर्मा पिता स्व. इन्द्र प्रसाद विश्वकर्मा निवासी परसा हाजिर हुआ था। इसके बाद कलेक्टर न्यायालय में दो और पेशी हुई, इसमें भी बंशू लोहार की अनुपस्थिति रही। इसके बाद कलेक्टर सह जिला मजिस्ट्रेट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए 4.22 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री को शून्य घोषित किया और नजूल अधिकारी को भूमि को पुन: गोचर, शासकीय मद में दर्ज करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस बंसू लोहार के तलाश में लगी थी। पुलिस इसके घर तक भी पहुंची लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस को खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा था। बुधवार को कु. खुलेश्वरी सिन्हा व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अंबिकापुर के समक्ष बंद कमरे में बंशु लोहार का बयान दर्ज किया गया।


भू माफियाओं का अपराधिक षड्यंत्र तो नहीं
बुधवार को परसा के महादेवपारा का 78 वर्षीय बंसू लोहार हाथ में एक झोला और उसमें कुछ कपड़े लिए न्यायालय परिसर में पोता दिनेश विश्वकर्मा के साथ दोपहर करीब एक बजे पहुंचा और समर्पण कर दिया। बुजुर्ग बंसू लोहार को देखने के बाद आसानी से समझा जा सकता है कि वह भू-माफियाओं के आपराधिक षड्यंत्र का शिकार हुआ है और उसके नाम से जमीन का नामांतरण करा करोड़ों रुपये में बेच दिया गया। इसमें से यदि थोड़ी सी भी रकम बंसू लोहार को मिली होती तो उसके व्यवहार, पहनावा और जीवन शैली में निश्चित रूप से परिवर्तन आता, लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिल रहा है। रिमांड में चार दिनों तक लेने के बाद पुलिस उससे घटना से जुड़े साक्ष्य और भू-माफियाओं के संबंध में जानकारी जुटाने का प्रयास करेगी।


इनके विरूद्ध पुलिस दर्ज की है एफआइआर
जमीन बिक्री करने वाले व्यक्तियों के समूह द्वारा राजमोहिनी देवी भवन के पास स्थित 4.22 एकड़ जमीन को बंसू पिता भुटकुल के नाम दर्ज कराकर सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को बेची गई थी। इन सभी को बिक्री की गई शासकीय भूमि का पट्टा कलेक्टर ने 28 मार्च को शून्य घोषित कर दिया है। इधर पुलिस ने फर्जीवाड़े में तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, नजूल कार्यालय में पदस्थ रीडर अजय तिवारी, आरआइ नारायण सिंह व राहुल सिंह के खिलाफ धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध दर्ज किया है। नीलम टोप्पो को छोड़कर शेष तीनों शासकीय सेवकों को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है।


जिला न्यायालय निर्माण हेतु 4.22 एकड़ व आवास के लिए शनि मंदिर के पास भूमि आबंटित
जिला एवं सत्र न्यायाधीश की मांग पर कलेक्टर सरगुजा द्वारा जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण और न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु भूमि आबंटित कर दी गई है। बीते दिनों अनावेदक बंसू से जुड़े जिस शासकीय भूमि क्षति के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कलेक्टर सरगुजा द्वारा भूमि को शासकीय मद में दर्ज कराया था, उस भूमि का कलेक्टर द्वारा सिविल कोर्ट निर्माण हेतु जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिकापुर को अग्रिम आधिपत्य प्रदान किया गया है।


उल्लेखनीय है कि बीते दिनों 30 मार्च को हुई जिला स्तरीय समिति (अधोसंरचना) की बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा अंबिकापुर में जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण एवं जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए राजमोहिनी भवन के पीछे, पीजी कॉलेज के सामने नमनाकला, अंबिकापुर में स्थित शासकीय नजूल भूमि रकबा 1.70 हेक्टेयर यानी कुल 4.22 एकड़ भूमि को जिला न्यायालय अंबिकापुर के नवीन न्यायालय भवन निर्माण हेतु अग्रिम आधिपत्य प्रदान किया गया है। इसी प्रकार जिला एवं सत्र न्यायाधीश के मांग के अनुसार पॉवर हाउस रोड, शनि मंदिर के पास, नमनाकला, अंबिकापुर में स्थित भूमि रकबा 4.11 एकड़ भूमि को जिला मुख्यालय अंबिकापुर के न्यायिक अधिकारियों के शासकीय आवास गृह निर्माण हेतु प्रदान किया गया।

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