कुरडीह के ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार

कुसमी/ लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान को लेकर जागरुकता अभियान प्रशासन द्वारा लगातार चलाया जा रहा है। इसी बिच छत्तीसगढ़-झारखण्ड की सीमा से लगे बलरामपुर जिला के कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरडीह के कुल पांच गांव के ग्रामीणों ने अपनी मुलभुत सुविधाओं सहित अन्य मांगों को लेकर चुनाव बहिष्कार करने की मांग ने जोर पकड़ लिया है तथा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों पर नाराजगी भी व्यक्त कर रहे हैं।

हम आपको बता दें बलरामपुर जिला अंतर्गत विकासखंड कुसमी के ग्राम पंचायत कुरडीह के गांव चंचलचुआं, पिआरटोली, जोड़ाडुमर, मुड़कम, घुईपानी के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहने तथा गांव में कुछ भी विकास कार्य नहीं किए जाने पर लोकसभा चुनाव में वोट नहीं करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का फैसला ले लिया है। ग्राम पंचायत कुरडीह में 24 अप्रैल को वोट नहीं करने का नारा लगाकर अपनी मांगो को मिडिया के समक्ष ग्रामीणों ने रखा है। ग्रामीण लगातार वोट के बहिष्कार को लेकर अड़े हुवें हैं। अब तक संतुष्ट जनक जवाब प्रशासन द्वारा नहीं दिया गया हैं। जिससे गांव को उपेक्षित रखें जाने को लेकर नाराज हैं।

शनिवार को ग्राउंड जीरो पर जानकारी मिली की कुछ अधिकारी ग्राम पंचायत में 25 अप्रैल को ग्रामीणों को बिना सूचना दिए आये थे तथा बहिष्कार में शामिल गांव के ग्रामीणों से बिना कुछ जानकारी लिए कुरडीह ग्राम पंचायत से लगे बाहरी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का वीडियोग्राफ़ी के जरिए खाना पूर्ति कर चले गए। ग्रामीणों ने यह भी बताया है की कुछ शासकीय कर्मचारियों के अगुवाई में विकास की मांग के लिए उठे मुद्दे को दर किनार करने का प्रयास किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने कहा….उक्त ग्राम पंचायत के राजू पहाड़ी, हल्कू पहाड़ी, वासुदेव यादव, सुदामा दीप नारायण, प्रेमलाल, देव कुमार,अखिलेश, विजय, महेंद्र, अरविंद, विष्णु, ललन यादव, रामकिशुन, रजन्ति कोरवा , रामपतिया, गुलबाजी, कुशमनी, सुखमनिया, नंदबासों, मेन्वंती, प्रियंका यादव, पाडे कोरवा, राजू कोरवा, बुधन कोरवा, राजेश कोरवा, मनोज नगेसिया, शीतलु नगेसिया सहित दर्जनों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने कहा है कि हम सभी लम्बे समय से अपनी मांग के लिए कई वर्षों से गुहार लगाते रहे हैं लेकिन हमारे ग्राम पंचायत में विकास का कोई कार्य नहीं किये जाने से काफी समस्या हो रही है।

चुनाव बहिष्कार का क्या है कारण…

ग्रामीणों ने यह भी याद दिलाया हैं की पहले भी कई बार मांग रख चुके हैं। 9 जुलाई सन् 2021 में जन चौपाल लगाकर हमारी समस्या सुनी गई थी। इसके बाद भी किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ। उस जन चौपाल में तत्कालीन विधायक सहित अधिकारीगण उपस्थित थे। वोटिंग के समय केवल जनप्रतिनिधि व अधिकारी आकर आश्वासन हमें देते गए लेकिन विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहीं हुआ। जिस कारण से हम सभी इस बार वोट का बहिष्कार कर रहे हैं। उक्त पांच गांव के ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनकी मुख्य मांगे सड़क, बिजली व पानी है। इसके अलावा उन्हें लंबी दूरी तय कर अपना मत देने के लिए पैदल मतदान केंद्र जंगलों के रास्ते कुरडीह जाना पड़ता है। नजदीक में मतदान केंद्र बनाये जाने का मांग भी ग्रामीणों ने रखा है। आज तक पक्की सड़क नहीं बन सकी है। साथ ही नल-जल योजना के तहत निर्मित हर घरों में पहुंचाये जाने वाला पानी विस्तार नल फेल है। जिसका लाभ भी उन्हें नहीं मिल सका है। आज भी दूषित पानी पिने को ग्रामीण मजबूर हैं तथा करीब 10 वर्ष पहले सौर ऊर्जा से चलने वाला बिजली का लाभ गांव के ग्रामीणों को मिला था जो कई वर्षों से खराब पड़ा हुआ है।

इस मामलें में कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी बलरामपुर रिमीजीयुस एक्का ने कहा की मामला संज्ञान में हैं।

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