भाजपा के तथाकथित आरोप पत्र को कांग्रेस ने जारी किया

अम्बिकापुर/सरगुजा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के घोषित उम्मीद्वार गहिरा गुरू के पुत्र चिंतामणि महाराज को लेकर कांग्रेस के मिडिया सेल ने एक पत्र जारी किया है। हालांकि यह पत्र बताया जा रहा है भाजपा बलरामपुर का लेकिन उसे जारी किया है, सरगुजा जिला कांग्रेस कमेटी के मिडिया विभाग ने। जब चिंतामणि महाराज सामरी से कांग्रेस के विधायक थे और ठीक जब विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी क्षेत्र में चल रही थी तब भाजपा ने मौजुदा विधायक के विरूद्ध आरोप पत्र बनाया था। इस आरोप पत्र में उन सारी बातों का उल्लेख्य किया गया है जिन आरोपों का सामना कांग्रेस में रहते हुए अपने ही स्थानीय संगठन के पदाधिकारियों से चिंतामणि सुना करते थे। ऐन चुनावी वक्त में कांग्रेस ने भाजपा के इस आरोप पत्र को जारी कर भाजपा को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।

हालांकि कांग्रेस मिडिया सेल ने भाजपा का जो पत्र जारी किया है, उसमें न तो किसी के हस्ताक्षर हैं और न ही किसी का लेटर पैड, सीधे-सीधे यह छत्तीसगढ़ भाजपा का लेटर पैड प्रतीत होता है। हम इस पत्र की पुष्टि नहीं करते, किन्तु जो आरोप उस पत्र में है, ऐसे आरोप चिंतामणि महाराज पर पिछले पांच सालों में लगातार विपक्ष कम और उनके ही संगठन द्वारा बार-बार पार्टी के अंदर से लेकर बाहर सार्वजनिक रूप में लगाया जाता रहा है। वैसे इस पत्र में जिन बातों का जिक्र किया गया है, उसमें नया कुछ भी नहीं है। यह आरोप लगातार चिंतामणि पर लगते रहे हैं। एक समय तो बलरामपुर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से मिडिया में रेत के मामले में बयान दिया था। इसके साथ ही कई बार कांग्रेस संगठन के कार्यक्रम में कुसमी, शंकरगढ़, राजपुर एवं अम्बिकापुर में चिंतामणि को ऐसे आरोपों का सामना करना पड़ा है। लेकिन चुनाव के समय ऐसे पत्रों के सामने आने से प्रत्याशी के नाते थोड़ा तो फर्क पड़ेगा ही।

पिछले तीन लोकसभा चुनावों से लगातार सरगुजा लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। 2004 में नंदकुमार साय, 2009 में मुरारीलाल सिंह, 2014 में कमलभान सिंह एवं 2019 में रेणुका सिंह यहा से सांसद निर्वाचित हुई, जिन्हें मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री भी बनाया गया। 2019 का वह समय जब सरगुजा लोकसभा क्षेत्र की 8 में से 8 विधानसभा सीट कांग्रेस के पास थी, तब रेणुका सिंह ने कांग्रेस को यहां से पटखनी दी थी और कांग्रेस प्रत्याशी खेलसाय सिंह को 1,57,873 मतों से पराजित किया था। अब जबकि सरगुजा लोकसभा क्षेत्र की आठों सीटें भाजपा के पास है, ऐसे में यह चुनाव भाजपा की दृष्टि से आसान नज़र आता है। किन्तु व्यक्तिगत रूप में चिंतामणि के लिये यह चुनाव आसान नहीं है। चिंतामणि महाराज 2013 में लुण्ड्रा विधानसभा क्षेत्र और 2018 में सामरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक रहे हैं। ऐसे में दोनों ही क्षेत्रों में इन्होंने कांग्रेस में रहते हुए अपने लिये दोस्त कम, खटास रखने वाले लोग ज्यादा बनाये हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिये इन क्षेत्रों में एकजुटता दिख सकती है। इन क्षेत्रों के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी कांग्रेस के लोग इसलिये एकजुट हो सकते हैं, क्योंकि मौजुदा समय में सरगुजा संभाग में उनके पास एक भी (विधायक/सासंद/राज्यसभा सांसद) बड़ा ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं है जो सीधे तौर पर प्रशासन एवं सरकार स्तर पर उनके लिये, उनकी समस्याओं को लेकर पैरवी करता नज़र आये।

इसके उल्ट भाजपा के अंदर भी घोषित प्रत्याशी चिंतामणि महाराज को लेकर एकजुटता नहीं है। संगठन के अंदर एवं बाहर उन्हें लेकर कई तरह की चर्चा है। चुनाव के दौरान सभी उनके साथ खड़े रहेंगे या फिर भीतरी तौर पर कुछ और करेंगे यह अब भी स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि एक बड़ा प्रभाव चिंतामणि के साथ है और वह है गहिरा गुरू के पुत्र के नाते उनके अनुवायियों का साथ। कंवर समाज में एक बड़ा प्रभाव गहिरा गुरू का रहा है, हालांकि गहिरा गुरू के सनातनी पराम्परा को उनके पुत्र बभ्रुवाहन आगे ले जा रहे हैं। ऐसे में गहिरा गुरू के अनुवायियों में भी चिंतामणि को लेकर कई तरह की बात होती रही है। गहिरा गुरू के विचार, प्रभाव की तुलना जब चिंतामणि से की जाती है तो वे हर मामले में उनके उल्ट ही नज़र आते हैं। यहीं कारण है कि अनुवायी भी पुरे उनके साथ ही रहें यह वक्त के भरोसे पर टिका है। चिंतामणि पर श्रीकोट एवं उसके अगल-बगल के ग्रामों में लोगों के जमीन हथियाने से लेकर, सरकारी जमीन पर कब्जा करने सहित कई आरोप लगते रहे हैं। जिसका उल्लेख्य इस पत्र में भी है।

हालांकि इस मामले में भाजपा बलरामपुर के द्वारा मनगढ़ंत एवं गलत फर्जी सूचना प्रसारित करने को लेकर एक आवेदन बलरामपुर थाने में दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में जांच आखिरकार क्या होती है?

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