31 अगस्त को शाम 5 बजे महामाया मंदिर में पूजा अर्चना कर रेणुकूट रवाना होगा सर्वदलीय रेलवे संघर्ष मोर्चा, 1 से 4 सितंबर तक है रेल जुड़ाव चेतना पदयात्रा

अम्बिकापुर/ अम्बिकापुर से रेणुकूट को रेल सेवा से जोड़ने, नवीन रेल लाईन का विस्तार करने की मांग लगातार सरगुजा में तेज हो रही है। सर्वदलीय रेलवे संघर्ष मोर्चा के आवाज़ के बाद सोशल मीडिया से लेकर समाचार पत्रों एवं दीवारों-बैनर-पोस्टरों तक मांग तेज हो गई है। रेल संघर्ष मोर्चा के पदयात्रा को भी 1 से 4 सितंबर तक व्यापक समर्थन प्रस्तावित रेल मार्ग में मिलने की आशा है। 30 अगस्त को रेल संघर्ष मोर्चा द्वारा पदयात्रा में शामिल होने लोगों से व्यापक संपर्क किया गया। लगभग 18 गाड़ियों में 80 से अधिक लोगों के रेणुकूट पहुंचने की सहमति मिली है। साथ ही वाड्रफनगर, प्रतापपुर, बभनी, रेणुकूट से भी यात्रा में लोग शामिल होंगे।रेणुकूट से अम्बिकापुर के जुड़ने से देश की राजधानी नई दिल्ली तक पहुँचने का समय भी कम हो जायेगा, लगभग 12 घण्टे में देश की राजधानी पहुंचा जा सकेगा। वहीं बनारस, झारखंड, बिहार से भी रूट जुड़ जायेगा। इस रेल लाइन के जुड़ने से सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक कई फायदे होने की संभावना है। रेलवे को भी इस रूट से फायदा होगा, अच्छी राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी। रेल संघर्ष मोर्चा द्वारा 1 सितंबर को रेणुकूट स्टेशन से पद यात्रा की शुरुआत होगी, जहां स्थानीय विधायक एवं सांसद सहित रेलवे के अधिकारियों की भी उपस्थिति रहेगी। 1 सितंबर को बभनी में, 2 सितंबर को वाड्रफनगर में, 3 सितंबर को प्रतापपुर में यात्रा का ठहराव होगा एवं 4 सितंबर को अम्बिकापुर में यात्रा का समापन होगा।

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