सिंचाई संरचनाओं के निर्माण से 2 हजार 36 हेक्टेयर क्षेत्र होगी सिंचित

अम्बिकापुर / राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के प्रमुख घटक नरवा के द्वारा वर्षा जल संचयन हेतु विभिन्न संरचनाओं के निर्माण से जिले के करीब 2 हजार 36 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगी। नरवा कार्यक्रम से जहां सिंचित क्षेत्र में वृद्धि होगी वहीं आजीविका के अवसर भी उपलब्ध होंगे। नरवा कार्यक्रम मनरेगा की गाइड लाइनों के तहत वाटरशेड अवधारणा पर आधारित है।

कलेक्टर संजीव कुमार झा के मार्गदर्शन तथा जिला पंचायत सी.ई.ओ. विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में 10-10 नरवा का चिहांकन कर 2 करोड़ 17 लाख रूपए का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत जिला पंचायत सरगुजा द्वारा वर्षा जल संचयन के लिए रीच-टू-वेली कंसेप्ट के अनुसार डी.पी.आर. तैयार किया। योजना के तहत् ऐसी संरचनाएँ बनाई जाएगी जो सतही भंडारण या भूजल के माध्यम से आगे के उपयोग के लिए वर्षा जल की कुछ मात्रा को धारण करने और पुनर्भरण करने में सक्षम हो।

सरगुजा जिले के सभी सात ब्लॉक में कुल 70 नालों का चयन कर उपचार हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। कार्य योजना तैयार करने के लिये नालों का भौतिक रूप से सर्वे तथा जीआईएस सैटेलाइट का उपयोग किया गया है। सर्वे में इन नालों पर छोटे बड़े कुल 2980 कार्यों को शामिल किया गया है। जिनकी जलग्रहण क्षमता 2036 हेक्टेयर है और नाले की कुल लंबाई 397.35 किलोमीटर है। इन 70 नालों पर निर्माण से 21 हजार 876 हितग्राही लाभान्वित होंगे। एससीटी, सीसीटी, वृक्षारोपण, ब्रशवुड, गली प्लग, एलबीसी, गेबियन, स्टॉप डैम, चेक डैम, सिंचाई नहर, खेत तालाब, कुआं, नवीन तालाब आदि आवश्यकतानुसार निर्माण कराए जा रहे हैं।

कार्य के बेहतर क्रियान्वयन एवं नाला की बेहतर समझ के लिए भुवन पोर्टल की विभिन्न परतों का उपयोग कर उपचार के अनुसार इसकी योजना बनाया जा रहा है। योजना की बेहतर दक्षता के लिए ग्राम पंचायत के साथ आजीविका को मजबूत करने के लिए पानी की उपलब्धता और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए योजना से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने की कार्य योजना तैयार की जा रही है।

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