महतारी 102 एंबुलेंस: गर्भवती महिलाओं व नवजातों के लिए जीवनदायिनी पहुंचविहीन क्षेत्रों से कांवर में ढोकर प्रसूताओं को सड़क मार्ग तक लाने में भी पीछे नहीं

अंबिकापुर- जब भी किसी गर्भवती महिला या नवजात शिशु को अस्पताल लेकर जाना हो, तो डॉयल 102 लोगों को बरबस ही याद आ जाता है। पहुंचविहीन क्षेत्रों की परवाह किए बिना महतारी एक्सपे्रस के पायॅलट व ईएमटी गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। इसके बाद लोकेशन लेते संभव हुआ तो गर्भवती महिला या बच्चे के घर तक पहुंच जाते हैं। रास्ता खराब होने की स्थिति में कई बार पीडि़तों को सड़क मार्ग के अंदरूनी गांवों से ग्रामीणों के सहयोग से ढोकर लाते देखा गया है। निश्चय ही ऐसे सेवाभाव के कारण बीमार या गर्भवती महिला या नवजात शिशु को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल कॉलेज अस्पताल तक ले जाने के लिए बेहिचक 102 में डॉयल कर इसकी सेवा प्राप्त करते हैं।
महतारी एक्सप्रेस 102 के संभागीय प्रभारी डॉ.दीपक नीलकंठ का कहना है कि महतारी एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के जीवनदायिनी साबित हो रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 102 महतारी एक्सप्रेस से सरगुजा संभाग में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव होने के बाद 0 दिन से एक वर्ष तक के बच्चों को घर से अस्पताल लाकर जांच कराने व अस्पताल से घर तक छोडऩे में 102 महतारी एंबुलेंस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वित्तीय वर्ष की इस अवधि में सरगुजा संभाग से एएनसी के कुल 33510 केस अस्पताल लाए गए। इसके अलावा अस्पताल से घर 34191, घर से अस्पताल आने वालों की संख्या 29771 रही। 7902 नवजात शिशुओं को इस सुविधा का संपूर्ण नि:शुल्क लाभ मिला, इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-23 की अवधि में एक लाख 12 हजार 340 महिलाएं और बच्चे इस सुविधा से लाभांवित हुईं। बता दें कि गर्भवती महिलाओं को दिन हो या रात, सूचना मिलते ही दूरस्थ क्षेत्रों से अस्पताल पहुंचकर जरूरत पडऩे पर जांच व प्रसव की नि:शुल्क सेवा का लाभ दिलाने में मदद करना जैसी सेवा भी महतारी एक्सप्रेस के पॉयलट व ईएमटी करते देखे जाते हैं। देखा जाए तो छत्तीसगढ़ सरकार ने महिलाओं और बच्चों की जीवनरक्षा के साथ समय पर समुचित उपचार का लाभ शासकीय अस्तपालों में दिलाने बड़ी सौगात सिर्फ सरगुजा संभाग के लोगों को नहीं अपितु पूरे प्रदेश वासियों को दी है।
39 नवजातों का जन्म एंबलुेंस में
प्रसव पीडि़ता को अस्पताल लेकर आने के लिए निकलने वाले कर्मचारियों के सामने कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि प्रसव पीड़ा बढऩे पर उन्हें महिला का बीच रास्ते या जंगल क्षेत्र में स्वजनों की मदद से प्रसव कराना पड़ता है। ऐसे हालात कई बार बने हैं, प्रसूताओं ने स्वच्छ बच्चे को एंबुलेंस में जन्म दिया है, बाद में जच्चा व बच्चा की सलामती के लिए इन्हें नजदीकी शासकीय अस्पतालों में ये कर्मचारी भर्ती करा देते हैं, ताकि उन्हें समुचित उपचार सुविधा का लाभ मिल सके। डॉ.दीपक नीलकंठ ने बताया कि अप्रैल 2022 से मार्च 2023 की अवधि में महतारी 102 एंबुलेंस में 39 नवजात शिशुओं का जन्म ईएमटी व पॉयलट ने प्रसव पीडि़ता के स्वजनों के सहयोग से कराया, बाद में इन्हें शासकीय अस्पताल में भर्ती भी कराया, ताकि वे शासन की ओर से प्रसूताओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ लेने से वंचित न होने पाएं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *