अमरजीत भगत को बाहरी प्रत्याशी बता विरोध का बिगुल फूंकी सीतापुर जनपद अध्यक्ष ने


कसा तंज-विस क्षेत्र में विकास के नाम पर 20 वर्ष से फोड़ रहे नारियल, जला रहे अगरबत्ती, पत्रकारों से चर्चा दौरान कहा-मंत्री बनने के बाद स्थानीय लोग गायब, बाहरी लोगों के साथ कर रहे उठक-बैठक

अंबिकापुर। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र का दो दशक से अनवरत दारोमदार संभाल रहे वर्तमान खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पर क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने वालों की अनदेखी सहित तमाम आरोप लगाते हुए उनके ही पार्टी की जनपद अध्यक्ष सीतापुर व ब्लॉक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शांति देवी ने मोर्चा खोल दिया है। अंबिकापुर के सरगुजा प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि बाहरी प्रत्याशी होते हुए भी उन्हें लगातार 20 वर्ष काम करने का मौका मिला, मंत्री बनने के बाद उनके आसपास से क्षेत्रीय कार्यकर्ता गायब हो गए, बाहरी लोगों के साथ उनकी उठक-बैठक शुरू हो गई। रेडी टू ईट का काम प्रदेश में इनके खाद्य मंत्री बनते ही महिलाओं से छीन लिया गया, बेरोजगारी की स्थिति बन गई। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर करते हुए कहा यह चुनाव अब सिर्फ दो पार्टियों के जीत-हार तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थानीय व बाहरी प्रत्याशी को लेकर चुनाव होगा। उन्होंने कहा जिसे क्षेत्र के मूल निवासियों से कोई लेना-देना नहीं है, जिनके लिए बाहरी लोग ही सबकुछ हैं, आखिर कब तक हम ऐसे व्यक्ति को सुनते रहेंगे। स्थानीय स्तर के सामान्य एवं आदिवासी वर्ग के नेताओं को उन्होंने स्थानीय राजनीति से अलग कर दिया है। विकास कार्य के नाम पर सिर्फ नारियल फोड़कर अगरबत्ती जला रहे हैं। अब तक कई पंचायतों में नारियल फोड़ चुके काम ठप है। विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर वे क्षेत्र के मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बातों को रखेंगी। उन्होंने कहा इनके कार्यक्रम से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। विश्व आदिवासी दिवस पर उनका पृथक से आयोजन दिन में नौ से एक बजे तक होगा।
जनपद अध्यक्ष ने दावा किया वर्तमान में छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक अमरजीत भगत के विरोध में सीतापुर, बतौली, मैनपाट व अंबिकापुर ब्लॉक के लगभग सभी पंचायत हैं। आदिवासी वर्ग में इनका विरोध चरम पर है। स्थानीय स्तर के महिला संगठन, समूह, सामाजिक संगठन सभी की मांग सीतापुर विस क्षेत्र में प्रत्याशी बदलने और ऐसे व्यक्ति को टिकट देने की है, जो स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दे। उन्होंने कहा हमारी लड़ाई स्थानीय विधायक से व्यक्तिगत नहीं, आदिवासियों व स्थानीय लोगों के सम्मान, क्षेत्र के विकास, स्थानीय मुद्दों, सोच में भिन्नता को लेकर है।

पार्टी में ऊपरी लेबल पर चर्चा है कि 40प्रतिशत महिला प्रत्याशियों को टिकट देंगे, मैं स्थानीय हूँ और टिकट की दावेदार भी

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी ने कहा है चुनावों में सीटों के आवंटन में 40 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंंगे, जब पार्टी ऐसा मानती है तो हम बाहरी प्रत्याशी को कब तक ढोते रहेंगे। उन्होंने कहा अमरजीत भगत सूरजपुर जिले से हैं, जिस कारण क्षेत्र में लगातार जल, जंगल, जमीन खतरे में है। शांति देवी ने कहा वे राजनीति के साथ सामाजिक सरोकार से भी जुड़ी हैं, इस कारण उन्हें कई ग्राम पंचायतों के सरंपचों, विभिन्न समाज के लोगों का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा अभी अकेले निकली हूं, इसके बाद सभी समाज के लोग एकत्र होकर एक साथ निकलेंगे।

सैकड़ों पन्ने के दस्तावेज दिखाया अपने समर्थन का

जनपद अध्यक्ष शांति देवी ने सीतापुर, बतौली, मैनपाट, अम्बिकापुर ब्लॉक के ग्राम पंचायतों के वर्तमान सरपंच, पूर्व सरपंच, जनपद सदस्य, पयरव सदस्य, महिला स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समाजों के समर्थन के सैकड़ों दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि सबने मुझे अपना समर्थन दिया है और सबसे रायमशवरा करके ही अपनी दावेदारी पेश कर रही हूं।
बाहरी लोगों पर है ज्यादा विश्वास
शांति देवी ने कहा मंत्री अमरजीत भगत को अपने विधानसभा क्षेत्र के बाहर के लोगों पर ज्यादा विश्वास है। आयोग में उन्होंने जितनी भी नियुक्ति कराई है, एक भी आदिवासी को कहीं सदस्य नहीं बनाया गया, अधिकतर लोग सीतापुर क्षेत्र से बाहरी हैं। ये उनके साथ दौरे में अंबिकापुर से ही भीड़ बढ़ाने आते हैं। पुराने नेताओं को दरकिनार कर उनके राजनीतिक भविष्य को खत्म कर दिया गया है। विधायक मद का लगातार दुरुपयोग किया है। अपने चार वर्ष के कार्यकाल में एक रुपये भी विकास के नाम पर नहीं दिया है। स्वेच्छानुदान राशि मंत्रियों के विवेकाधिकार का मामला है। इसका लाभ अधिकतर आईटीआर भरने वाले लोगों को मिला है। क्षेत्र के आदिवासी, पिछड़े लोगों के नाम पर बहुत कम राशि जारी हुई है। आरोप है कि जिसके नाम पर राशि आती है, उनसे आधा से ज्यादा राशि वापस ले ली जाती है।


सर्वाधिक फर्जी वनाधिकार पत्र बना
शांति देवी ने पत्रकारों के समक्ष आरोप लगाया कि पिछले चार वर्षों के कार्यकाल में सबसे ज्यादा फर्जी वन अधिकार पत्र इनके समय में बना है। कई पर कार्रवाई हो रही है, कई मामलों को दबा दिया गया है। शिकायत की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। सीतापुर क्षेत्र ही नहीं, बल्कि जिले में बैठ अधिकारी भी मंत्री अमरजीत भगत व उनके नजदीकी लोगों की सुनते हैं। थाना से लेकर तहसील कार्यालय तक हर जगह केवल उनकी सुनी जाती है, आम जनता परेशान है। इन मामलों को उठाने वाले पर कार्रवाई कर दी जाती है, एफआइआर तक हो जाता है। मैनपाट के लोगों के हाथ से रोजगार चला गया, वहां के लोग लगातार संघर्षरत है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। तिब्बत्तियों के लिए आवंटित भूमि पर भी इनके नजदीकी लोगों ने कब्जा कर लिया है। माझी मझवार के जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। एक हजार एकड़ से अधिक भूमि पर अधिकतर मंत्री अमरजीत भगत के नजदीकी बसे हैं, शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।


पार्टी में रहते करेंगी विरोध, बन सकती है बहिष्कार की स्थिति
जनपद अध्यक्ष शांति देवी ने कहा वे बचपन से वर्तमान उपमुख्यमंत्री टीएस बाबा के बारे में अपने परिवार के पुराने पुरखों से सुनते आ रही हैं। मंत्री अमरजीत भगत से भी कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है। राजनीति में आने के बाद सरपंच से जनपद अध्यक्ष तक का सफर तय किया है। अब उनकी इच्छा क्षेत्र के विकास और क्षेत्र के लोगों के हित के लिए विधायक बतौर काम करने की है। अमरजीत भगत को कांग्रेस से टिकट मिलता है और उन्हें प्रत्याशी बतौर पार्टी सामने नहीं लाती है, तब भी वे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में रहकर उनका विरोध करेंगी। समयानुसार चुनाव बहिष्कार जैसी स्थिति बन सकती है।

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