लघुशंका के बहाने भागे विचाराधीन बंदी को सजायाफ्ता कैदी दौड़ाकर पकड़ा

अंबिकापुर। कोरिया जिले के जिला मुख्यालय बैकुंठपुर स्थित जिला जेल में शनिवार की सुबह चिकित्सा हेतु जिला अस्पताल बैकुंठपुर लाए जा रहे एक विचाराधीन बंदी ने रास्ते में सिपाहियों को झांसा देकर भागने का प्रयास किया लेकिन साथ में जा रहे दूसरे कैदी के कारण उसकी मंशा सफल नहीं हो पाई।वह भाग रहे बंदी का पीछा कर उसे धर दबोचा। नाराज सिपाहियों ने बंदी पर अपना गुस्सा उतारा और उसकी पिटाई कर दी। हालांकि जेल प्रबंधन के द्वारा पिटाई की बात को एक सिरे से नकार दिया गया है।
जानकारी के अनुसार आज शनिवार की सुबह 11:30 बजे जिला जेल बैकुंठपुर से हत्या के प्रयास के आरोपित एक विचाराधीन बंदी व एक सजायाफ्ता कैदी को उपचार के लिए दो जेल कर्मियों द्वारा अपने साथ अस्पताल लाया जा रहा था। इस दौरान बंदी ने टायलेट जाने का बहाना किया, जिस पर जेल कर्मियों ने उसे पास के शौचालय में जाने को कहा। जेलकर्मियों की लापरवाही का फायदा उठाकर उक्त बंदी वहां से भागने लगा। बंदी के भागने की जानकारी पर जेल प्रहरी अवाक रह गए। इसी दौरान साथ में जा रहे सजायाफ्ता कैदी ने उसी दिशा में दौड़ लगा दी जिधर बंदी भागा था। पहले तो जेलकर्मी समझे कि कैदी भी साथ में भाग निकला, परंतु उक्त कैदी ने करीब 400 मीटर तक दौड़ लगाते बंदी का पीछा किया व उसे धर दबोचा। कैदी द्वारा भाग रहे बंदी को पकड़ने के बाद दोनों जेल प्रहरियों ने चैन की सांस ली। भगोड़े बंदी की हरकत से गुस्साए जेल कर्मियों ने बीच सड़क पर ही बंदी की। पूरी घटना बैकुंठपुर के प्रेमाबाग इलाके में हुई। जेल के अधिकारियों ने बंदी के भागने की पुष्टि तो की है परंतु उसे जेल प्रहरियों द्वारा पकड़े जाने की बात कह प्रहरियों द्वारा पिटाई से इंकार कर दिए।
बयान-
लघुशंका के बहाने बंदी भागा था, जिसे तत्काल सिपाहियों के द्वारा पकड़ लिया गया, इसमें सिपाहियों की कोई गलती नहीं है। किसी भी कैदी की सिपाहियों के द्वारा पिटाई नहीं की गई है।
विक्रम गुप्ता
जेलर, जिला जेल बैकुंठपुर

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