भारत समेत दुनिया क़े 100 देशों क़े लोग अब अमेरिका नहीं ले जा सकेंगे अपना कुत्ता

कोरोना महामारी क़े बीच अमेरिका ने रैबीज वायरस फ़ैलने की आशंका को देख भारत समेत दुनिया क़े 100 से अधिक देशों से कुतों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ( सीडीसी ) ने कहा है कि अमेरिका को जानलेवा रैबीज क़े वायरस से बचाने क़े लिए ये फैसला अस्थायी रुप से लिया गया है। मालूम हो कि वर्ष 2007 से अमेरिकी रैबीज मुक्त है।

सीडीसी ने बताया कि भारत, डोमनिकन रिपब्लिक, क्यूबा, कोलंबिया, चीन, रूस, यूक्रेन और फिलीपीन समेत कुल 100 से अधिक देशों क़े लोग अब अपने कुत्ते को अमेरिका नहीं ला सकेंगे। सीडीसी क़े अनुसार दुनिया भर से हर साल करीब दस लाख कुत्ते लोगों क़े साथ अमेरिका आते है। 100 देशों पर कुतों को लेकर लगे प्रतिबंध क़े बाद हर साल आने वाले कुतों की संख्या में लगभग एक लाख की कमी होगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हाई रिस्क वाले देशों से 2020 में अमेरिका आने वाले कुतों में पिछले दो वर्षो की तुलना में 52 फीसदी की कमी दर्ज हुईं है।

अमेरिकन वेटनरी मेडिकल एसोसिएशन क़े अध्यक्ष डॉ. डगलस क्रेट का कहना है, दूसरे देशों से आने वाले कुतों पर अमेरिका द्वारा लगाया अस्थायी प्रतिबंध रैबीज वायरस से बचाव क़े लिए सही फैसला है। उन्होंने कहा कि रैबीज एक जानलेवा बीमारी है, जो इंसानों क़े साथ दूसरों जीवो क़े लिए भी खतरनाक है।

कुछ शर्त क़े साथ राहत भी

सीडीसी ने कहा, शर्तो क़े साथ कुतों को लाने की इजाजत होगी। इसके लिए कुत्ते की उम्र कम से कम छह माह होनी चाहिए। इसकी पुष्टि कुत्ते की दाँत की फोटो से की जाएगी। कुत्ते को रैबीज का टीका लगा है उसका प्रमाण पत्र का होना अनिवार्य है।

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