भारत की मदद क़े नाम पर जुटाया चंदा, आतंकी फंडिंग की आशंका

एक बड़े अमेरिकी थिंकटैंक की रिपोर्ट ने पाकिस्तानियों का वह चेहरा उजागर किया है जो बताता है कि पाक मूल क़े लोग किस तरह विदेशों में दान क़े धन को आतंकी गतिविधियों में लगाते हैं। ‘ कोविड – 19 स्कैम 2021 ‘ नाम से जारी रिपोर्ट क़े मुताबिक, अमेरिका स्थित पाक क़े जुड़े चैरिटी संगठनों व एनजीओ ने कोरोना संकट में भारत की मदद क़े नाम पर चंदा जूटाया और लाखों डॉलर की चोरी की। रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि पाक सेना क़े साथ मिलकर चलाए जा रहे ये संगठन दान का दुरूपयोग विरोध भड़कने व आतंकी हमले प्रायोजित करने में कर सकते हैं।

अमेरिका स्थित डिसंइफो लैब नामक संस्था ने अपनी इस रिपोर्ट में बताया कि मानवीय सहायता ‘ हेल्प इंडिया ब्रीद ‘ क़े नाम पर किस तरह दुनिया में सबसे बुरा घोटाला किया गया। बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना कर रहे भारत को दुनिया भर से मदद मिली। लेकिन कुछ संगठनों ने दान क़े नाम पर अवैध रूप से धन एकत्र करने क़े लिए कोरोना संकट का इस्तेमाल किया। बताया गया कि इन संगठनों को कटटरपंथी इस्लामी और आतंकी गुटों क़े साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इन्हें पाकिस्तानी सेना क़े साथ मिलकर चलाया जा रहा है। डिसंइफो लैब ने ऐसे कई चैरिटी संगठनों का पर्दाफाश किया है जो दान की रकम आतंकी हमलों को प्रयोजित करने में लगा सकते हैं।

पाक सेना से हैं करीबी संबंध

डिसंइफो लैब क़े अनुसार दिसंबर 2017 में हेल्पिंग हैंड फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट ने पाकिस्तान में एक सम्मेलन का आयोजन किया। इसे प्रायोजित करने वाले संगठनों में फ़लाह – ए – इंसानियत फाउंडेशन और लशकर – ए – ताइबा जैसे आतंकी संगठन शामिल रहे। संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले इन संगठनों को पाकिस्तान में धर्मार्थ शाखा क़े रूप में जाना जाता है और इनसे पाक सेना क़े साथ काफ़ी करीबी रिश्ते हैं।

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