बलोच विद्रोहियों ने सौ पाकिस्तानी सैनिक मारे, दो सैन्य अड्डों पर कब्जा – बीएलए ने किया हमला, पाक ने दस फौजियों की मौत स्वीकारी

बलोच मुक्ति सेना (बीएलए) के विद्रोहियों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले बलोचिस्तान प्रांत के पंजगुर और नूशकी इलाके में पाकिस्तानी सेना के फ्रंटियर कोर के दो ठिकानों पर भीषण हमला कर सौ से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने का दावा किया है। बताया जा रहा है कि हमले में पाक सेना के फ्रंटियर कोर के आईजी मेजर जनरल अयमान बिलाल सफदर की भी मौत हो गई है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने बीएलए के हमले को विफल करने का दावा करते हुए कहा कि हमले में 10 सैनिकों की मौत हुई, जबकि 15 से ज्यादा विद्रोहियों को मार गिराया पाकिस्तानी सेना ने शुरुआत में केवल एक सैनिक के मारे जाने का दावा किया था लेकिन बाद में पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने 10 सैनिकों की मौत की बात स्वीकार की।

वहीं, बीएलए के प्रवक्ता जियांद बलोच ने टेलीग्राम के जरिये भेजे अपने बयान में दावा किया कि बीएलए के हमले में सौ से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई है। पंजगुर और नूशकी के सैन्य अड्डे अब बीएलए के कब्जे में हैं। पाकिस्तानी सेना ने हमले के बारे में मीडिया में खबरें प्रसारित करने से रोक लगा दी है। इलाके में इंटरनेट और फोन बंद कर दिए गए हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना का हमले को विफल करने का दावा भी झूठा है। बलोच गुट ने कहा, अतिक्रमणकारी दुश्मन सैनिकों को मार भगाने का अभियान अभी पूरी ताकत से जारी रहेगा। उधर, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमले को विफल करने के लिए पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए कहा कि पूरा पाकिस्तान सेना के साथ खड़ा है।

चीनी हस्तक्षेप से बिगड़े हालात

पिछले एक दशक में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपैक) के बलोचिस्तान में निर्माण के दौरान क्षेत्रीय व आर्थिक हितों की अनदेखी हुई। इसके खिलाफ कई प्रदर्शन हुए। चीन के आगे सिर झुकाने वाली पाकिस्तानी सरकार ने इन्हें हिंसक ढंग से कुचला। परिणाम, हिंसा के जवाब में प्रतिहिंसा हो रही है।

पाकिस्तान की सेना के अत्याचारों से बलोच तंग

पाकिस्तान के कब्जे का विरोध कर रहे बलोच कबीलों के इलाकों पर सेना ने कहर बरपा रखा है। सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक हकों की आवाज उठाने वालों बलोचों का क्रूरता से दमन किया जा रहा है। अत्याचार से आजिज बलोचों ने पाक सेना के खिलाफ हथियार उठाने का फैसला किया और साल 2000 में बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) बनाई। बीएलए अब बांग्लादेश की तर्ज पर अलग देश बनाने के लिए लड़ रही है। 2006 में पाकिस्तान ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया। हालांकि, ब्रिटेन ने प्रमुख बीएलए नेताओं को शरणार्थी का दर्जा दे रखा है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *