इस्त्राइल ने तोड़ा संघर्ष विराम गाजा पर किए हवाई हमले : राष्ट्वादियों की परेड क़े बाद तनाव, युद्धविराम क़े बाद पहला हमला

इस्त्राइल मे दो दिन पूर्व पीएम नेफ्ताली बैनेट क़े नेतृत्व मे नई सरकार बनी है और बुधवार तड़के ही गाजा पट्टी क़े आतंकी स्थलों पर इस्त्राइली विमानों ने हवाई हमले शुरु कर दिए। पिछले माह हमास क़े साथ हुए युद्धविराम क़े बाद यह पहला हमला है। इससे पहले इस्त्राइल के धुर राष्ट्वादियों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए पूर्वी येरूशलम मे परेड की।

इन हमलों मे इस्त्राइली सेना ने गाजा पट्टी क़े उन केंद्रों को निशाना बनाया जिनका इस्तेमाल हमास उग्रवादी हमलों की योजना बनाने क़े मकसद से बैठके करने क़े लिए करते थे। हमलों मे किसी क़े हताहत होने की जानकारी नहीं है लेकिन दोनों मे फिर तनाव बढ़ गया है। इस्त्राइली सेना क़े प्रवक्ता एविके एड्री ने बताया कि बुधवार की अल – सुबह फलस्तीनी आतंकियों ने दक्षिण इस्त्राइल की तरफ़ आग लगाने वाले गुब्बारे भेजे जिसके बाद हवाई हमले किए गए। जबकि हमास ने कहा, हमलों के बाद उसने गुब्बारे छोड़े जिससे इस्त्राइल मे करीब 20 जगहों पर आग लग गई। इससे पहले विवादित क्षेत्र मे निकाली गई परेड को हमास ने उकसावा बताया।

येरूशलम मे फिर तनाव : इन मामलों के बीच येरूशलम मे इस्त्राइल के यहूदी अतिराष्ट्वादियों द्वारा ध्वज लेकर निकाली गई परेड पर फलस्तीनियों के घाव एक बार फिर हरे हो गए हैं। कथित ‘ ध्वज यात्रा ‘ दमिश्क दरवाज़े से होती हुईं पुराने शहर के बीचोंबीच से गुजरी, जहां यहूदी, इस्लाम और ईसाई धर्म के पवित्र स्थल है। इस दौरान फलस्तीनी लोगों व पुलिस के बीच झड़पें भी हुईं, जिसमें छह फलस्तीनी गिरफ्तार कर लिए गए और 33 फलस्तीनियों को चोटें आई।
यहूदियों की ध्वज यात्रा के विरोध मे गाजा व वेस्ट बैंक मे अरब मूल के लोगों ने ‘ आक्रोश दिवस ‘ मनाने की अपील की है। सरकार मे शामिल इस्लामी दल रा’म पार्टी के नेताओं मंसूर अब्बास ने कहा कि यह रैली राजनीतिक मंशा से क्षेत्र को आग मे झोंक देने की कोशिश थी और नई सरकार को कमजोर करती है। हमास और फलस्तीन ने भी विरोध किया।

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