आदेश के बाद भी 36 घंटों तक रिहाई न होने पर आरोपियों ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा, कोर्ट हुआ सख्त, तो रिहा हुए नरवाल, कलिता और तन्हा

निचली अदालत ने दिल्ली दंगो के आरोपी और कथित पिंजड़ा तोड़ गैंग के सदस्य जामिया विश्वविद्यालय के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा और जेएनयू की छात्राओं नताशा नरवाल व देवंगना कलिता की जेल से तत्काल रिहाई का आदेश दिया है। आरोपियों के वकीलों ने बृहस्पतिवार को हाई कोर्ट को यह जानकारी दी। हाई कोर्ट ने 15 जून को तीनों को जमानत प्रदान की थी। दिल्ली जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि देर शाम करीब 7 बजे कलिता और नरवाल को, जबकि 7:30 बजे तन्हा को तिहाड़ जेल मे रिहा कर दिया गया।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की पीठ ने इस जानकारी के बाद कहा, बहुत बढ़िया। इसके बाद किसी अन्य आदेश की जरुरत नहीं है। यह कहते हुए हाई कोर्ट ने तीनों आरोपियों की ओर से दायर उस आवेदन का निपटारा कर दिया जिसमें उन्होंने जेल से रिहाई की मांग की थी। उनका कहना था कि जमानत के 36 घंटे बाद भी जेल से उनकी रिहाई नहीं हो सकी है। आरोपियों के वकील ने हाई कोर्ट को बताया कि निचली अदालत ने दिन मे उनकी रिहाई का अंतरिम आदेश जारी कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि पुलिस दस्तावेज तथा पतों की पुष्टि करे। निचली अदालत ने उनका रिलीज वारंट भी इलेक्ट्रॉनिक मोड से जेल अधीक्षक को भेज दिए थे। पीठ दोपहर साढ़े तीन बजे बैठी थी। पीठ ने सुबह आवेदन पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत को मुस्तैदी व शीघ्रता से निपटारा करने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने नरवाल, कलिता ओर तन्हा को 24 फ़रवरी 2020 को हुए दिल्ली दंगो के मे आतंकी साज़िश के आरोप मे यूएपीए के तहत मई 2020 मे गिरफ्तार किया था।

हाई कोर्ट ने कहा कि जब निचली अदालत ने जेल अधीक्षक को रिहाई का आदेश दे दिया है तो मामले का अंत हो गया है। इसमें कुछ और करने की जरुरत नहीं है। सबसे अहम इनकी रिहाई है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत से इस मुद्दे पर मुस्तैदी व शीघ्रता से सुनवाई करते हुए सुलझाने की उम्मीद करते है।

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