अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर अति उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 लोगों को श्रम श्री सम्मान ट्रेड यूनियन कौंसिल 42 वर्षों से एक मई को कर रहा श्रमिक महासम्मेलन

अंबिकापुर- अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के मौके पर ट्रेड यूनियन कौंसिल छत्तीसगढ़ द्वारा विगत चार दशकों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी वृहद श्रमिक महासम्मेलन का आयोजन राजमोहनी देवी भवन परिसर में एक मई को आयोजित किया जा रहा है। इसमें सरगुजा संभाग के अलावा प्रदेश के अन्य जिले व संभाग से सम्मेलन में लोगों का पहुंचना होगा। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्र में कार्य करने वाले अति उत्कृष्ट श्रमिकों को श्रम श्री सम्मान से नवाजा जाएगा। कौंसिल के द्वारा अनवरत श्रमिकों सहित अन्य के लिए वर्षभर कार्ययोजना के अनुरूप गतिविधियों का संचालन किया जाता है। बड़ी बात यह है कि पांच हजार से अधिक की भीड़ यहां स्वस्फूर्त पहुंचती है, इन्हें कोई ढोकर नहीं लाता। इनके नाम पर किसी प्रकार का चंदा भी कौंसिल एकत्र नहीं करता है।
शहर के होटल एवलान में एक मई को होने वाले श्रमिक महासम्मेलन की जानकारी पत्रकारों को देते हुए ट्रेड यूनियन कौंसिल छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि श्रमिक महा पंचायत में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित श्रमिक हितैषी योजनाओं, उनके अधिकार, उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। श्रमिक प्रतिनिधियों के बीच समूह में विचार विमर्श के माध्यम से आई समस्याओं का निदान और श्रमिक हित की मांगों का प्रतिवेदन तैयार कर केंद्र एवं राज्य सरकार भेजा जाएगा। श्रमिकों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास के प्रशिक्षण की जानकारी एवं इच्छुक लोगों का पंजीयन कर उन्हें स्वरोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा। सम्मेलन स्थल पर ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें जरूरी दवाएं एवं परामर्श दिया जाएगा। अपरान्ह एक बजे से श्रम श्री अलंकरण समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अति उत्कृष्ट कार्य करने वाले 11 लोगों को श्रम श्री के सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। ट्रेड यूनियन कौंसिल वर्ष 1981 से श्रमिक हित में सतत कार्य कर रही है। शासन के सहयोग से कंैप लगाकर स्वास्थ्य जांच, श्रम कार्ड बनवाने, कानूनी सहायता उपलब्ध कराने और जागरूकता लाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। कौंसिल द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मितानिन और प्रेरकों को सरकारी कर्मचारी घोषित कराने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि होने में कौंसिल के प्रयासों का भी योगदान है। कौंसिल इन सब के शासकीय करण होने तक संघर्षरत रहेगा। उन्होंने पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को मूर्तरूप देने सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ.श्रीवास्तव ने बताया ट्रेड यूनियन कौंसिल द्वारा जरूरतमंदों को उपचार व दवाइयों हेतु आर्थिक सहयोग, रक्तदान करके खून की उपलब्धता सुनिश्चित की गई। इस वर्ष 40 जरूरतमंदों को नि:शुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराया गया है। कौंसिल की मांगों में लंबे समय से शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को उक्त जमीन का पट्टा देना, सभी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 85 वर्ष करना, सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान, आठ वर्ष पूर्ण होने पर अनिवार्य रूप से पदोन्नति, क्रमोन्नति देना, अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया का सरलीकरण, असंगठित मजदूरों का बीमा शासन द्वारा अनिवार्य रूप से कराना, स्व सहायता समूहों को रोजगार की गारंटी, आर्थिक सहयोग व रोजगार उपलब्ध कराना, श्रमिक संगठनों की राज्य स्तर पर मान्यता देना, विद्युत कंपनियों का निजीकरण समाप्त कर पूर्व की भांति विद्युत मंडल का निर्माण है।


रसोइयों को न्यूनतम दैनिक दर से करेें भुगतान-


डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने कहा वर्तमान में मध्यान्ह भोजन योजना अंतर्गत कार्यरत रसोइयों को बहुत कम राशि मानदेय के रूप में दी जाती है। कई विद्यालयों में छात्रों की संख्या बहुत अधिक है, भोजन निर्माण के लिए रसोइयों को दिनभर कार्य करना पड़ता है। कौंसिल की ओर से मांग की गई है कि रसोइयों को कम से कम शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम दैनिक दर के हिसाब से भुगतान किया जाए। वर्तमान में रसोइयों के वेतन, मानदेय बहुत कम होने से रसोइयों के परिवार का जीवन यापन बहुत कठिन है। रसोइयों को न्यूनतम दैनिक दर या 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन, मानदेय का भुगतान करने की मांग की गई है।


कौंसिल ने किया क्रांतिकारी आंदोलन


ट्रेड यूनियन कौंसिल ने पिछले वर्षों में श्रमिक हित में विभिन्न कार्य किए हंै। 1980 के दशक में अंबिकापुर को रेल से जोडऩे के लिए 21 दिन तक क्रांतिकारी आंदोलन किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में नशा मुक्त कार्यक्रम के माध्यम से कई लोगों को नशा मुक्त कराया गया। लंबे समय से सरकारी जमीन में बसे श्रमिकों को प्रशासन की बेदखली का विरोध कर उन्हें नियमानुसार पट्टा दिलाने में सहायता की। स्वयं सहायता समूह को प्रशिक्षण व रोजगार से जोडऩे, पुराने कपड़े एकत्र कर जरूरतमंदों को वितरित करने, नए और गर्म कपड़े कंबल का वितरण किया गया है। कर्मचारी जगत में विद्युत कर्मचारियों, पटवारी, शिक्षक, स्वास्थ्य विभाग, ऑटो एसोसिएशन के आंदोलनों को सहयोग और सहभागिता, श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग दिया गया।


एक मई को सार्वजनिक अवकाश की मांग अधूरी


कौंसिल के प्रदेशाध्यक्ष डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने कहा ट्रेड यूनियन कौंसिल राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर एक मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग लंबे समय से कर रहा है। कई दिवसों पर शासकीय अवकाश घोषित किए गए हंै, किंतु श्रमिक दिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं हुआ है। कौंसिल की मांग है कि श्रमिक दिवस पर एक मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को चिन्हित कर पंजीयन करने का दायित्व श्रम विभाग का होता है, पंजीयन नहीं होने पर दायित्व निर्धारण होना चाहिए।


अधिवक्ताओं व पत्रकारों को दें पेंशन


अधिवक्ताओं और पत्रकारों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद पेंशन देन की मांग कौंसिल ने की है। डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने कहा कि अधिवक्ता सुरक्षा कानून बनाकर उसे शीघ्र लागू करने की जरूरत है। पत्रवार्ता में उपस्थित कौंसिल के वरिष्ठ पदाधिकारी द्वितेंद्र मिश्रा ने श्रमिक दिवस पर शासन से मदद लेने के लिए प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा अंबिकापुर में पत्रकारों को आज तक जमीन एलाट नहीं हो पाना सोचनीय है। तमाम संगठनों को सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध करा दिया गया, लेकिन पत्रकार ही इससे वंचित हैं। इसके लिए उन्होंने कौंसिल की ओर से हरसंभव प्रयास करने की बात कही।
शहीद जवानों व अधिवक्ता को श्रद्धांजली
ट्रेड यूनियन कौंसिल ने पत्रवार्ता के दौरान आदिवासी बहुल बस्तर अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में नक्सली ब्लास्ट में शहीद हुए जवानों व अधिवक्ता रामकृष्ण दुबे को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

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