खबर का असर: शासकीय राशि के वसूली हेतु मामला एसडीएम न्यायालय में

धारा 92(1) के तहत गबन किये गए शासकीय राशि के वसूली हेतु मामला एसडीएम न्यायालय में

चैनपुर में 15वें वित्त योजना में हुई थी हेराफेरी, 1,93,000 का गबन नाली निर्माण के नाम पर हुआ

कुसमी/बलरामपुर जिले के कुसमी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत चैनपुर में 15वें वित्त योजना अंतर्गत नाली निर्माण के नाम पर पंचायत के सरपंच-सचिवों द्वारा 1,93,000 रुपये का गबन कर लिया गया था। इस मामले में ग्रामीणों ने जनपद पंचायत सीईओ कुसमी से शिकायत की थी। जिसके बाद सीईओ ने दबाव बढ़ता देख तीन सदस्यीय जाँच टीम बना कर पूरे मामले में जांच करायी। तीन सदस्यीय जांच टीम को पूरे मामले में सीधे तौर पर कार्य किये बिना कार्य करना बता कर राशि निकालने की बात प्रमाणित हुई। जिस पर कार्यवाही हेतु जांच टीम ने रिपोर्ट जनपद पंचायत सीईओ कुसमी को एक माह पूर्व सौंपी थी। मामले में राजनीतिक दबाव के कारण चुनाव ड्यूटी का बहाना बता कर जनपद सीईओ द्वारा लगातार कार्यवाही करने से बचा जा रहा था। किंतु खबर के प्रकाशन के बाद जनपद सीईओ पुनः हरकत में आये और उन्होंने इस पर धारा 92 के तहत कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कुसमी को पत्र लिखा था। जिसके बाद मामले की सुनवाई करते हुए एसडीएम ने 15 अप्रैल को अपना पक्ष रखने हेतु सरपंच-सचिव को मौका दिया है।

पूरे मामले में सरपंच एवं सचिव ने 15वें वित्त योजना से दो नालियों के निर्माण हेतु 1,93,000 रुपये आशीष ट्रेडर्स के नाम पर आहरण कर लिया था। जबकि तीन सदस्यीय जांच टीम को जांच में न तो मौके पर नाली मिली न ग्रामीणों ने पंचायत द्वारा वहां नाली निर्माण कराया जाना स्वीकार किया। वहीं जांच में मेसर्स आशीष ट्रेडर्स नाम का फर्म भी सरपंच के ही रिश्तेदार के नाम पर फर्जी आहरण हेतु बनाया गया पाया गया। जिसके आधार पर जांच टीम ने इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार और सरकारी राशि का गबन प्रमाणित पाया था और रिपोर्ट सीईओ को सौंपी थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए जनपद सीईओ ने मामले में राशि वसूली की कार्यव्ही हेतु एसडीएम को पत्र लिखा था, जिसके आधार पर पंचायत अधिनियम की धारा 92(1) के तहत कार्यवाही करते हुए राशि की वसूली हेतु वर्तमान में अपना पक्ष रखने अभी सरपंच-सचिव को मौका दिया गया है। आगे जरूरी कार्यवाही की जायेगी।

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