सीएसईबी डेटा एंट्री भर्ती परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने से नाराज़ अभ्यर्थी जायेंगे न्यायालय की शरण में

सरकार की उदासीनता से त्रस्त सीएसईबी डेटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी जाएंगे कोर्ट,
एक साल बाद भी अंतिम परीक्षा परिणाम जारी नहीं होने से हैं नाराज

रायपुर/ एक साल से ज्यादा वक्त बीत जाने के बावजूद सीएसईबी डेटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती पूर्ण नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों ने न्यायालय का रास्ता अख्तियार करने का फैसला लिया है। गत वर्ष सितंबर महीने में निकली यह भर्ती विभाग की लापरवाहियों और लेटलतीफी से आज तक लंबित है। सरकारी नौकरी की बाट जोह रहे लाखों अभ्यर्थियों के लिए कोरोना काल के बाद किसी उम्मीद की किरण की तरह आई यह वेकेंसी अब उन हज़ारों अभ्यर्थियों के लिए प्रताड़ना की वजह बन चुकी है। सरकार की हीलाहवाली और बेरोजगारों के साथ छलावे से त्रस्त हज़ारों अभ्यर्थी अब परिणाम जारी करवाने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर हैं। अभ्यर्थी इससे पहले सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों और जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप चुके हैं। एक लम्बा वक्त बीत जाने के बाद भी भर्ती प्रक्रिया ठंडे बस्ते में है।
अंतिम परीक्षा परिणाम का इंतज़ार कर रहे एक अभ्यर्थी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सीएसईबी की लेटलतीफी से 2 हज़ार से ज्यादा अभ्यर्थी परेशान हैं। प्रदेश के 2 हज़ार से ज्यादा युवा बेरोजगारों को मानसिक और आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद डेटा एंट्री ऑपरेटर के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, जिसकी वजह से हज़ारों अभ्यर्थियों में सरकार के प्रति नाराजगी व्याप्त है। इन अभ्यर्थियों में कई ऐसे बेरोजगार भी शामिल हैं जो सालों से इसी भर्ती का इंतजार कर रहे थे, लेकिन विभाग की उदासीनता से अभ्यर्थियों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सीएसईबी की अनुषांगिक कम्पनी छत्तीसगढ़ पॉवर होल्डिंग कम्पनी, जिसे बाद में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी में मर्ज कर दिया गया के द्वारा डेटा एंट्री ऑपरेटर के 400 पदों पर भर्ती का विज्ञापन 22 सितम्बर 2021 जारी किया गया था। इससे पहले सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुद इस बात की घोषणा अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की थी। जारी पदों के विरुद्ध प्रदेश के लगभग 1 लाख युवाओं ने 29 सितम्बर 2021 से 28 दिसम्बर 2021 के बीच आवेदन किया था। जिसकी ऑनलाईन लिखित परीक्षा 5 जनवरी 2022 से 14 जनवरी 2022 तक रायपुर, बिलासपुर एवं दुर्ग मे आयोजित हुई। जिसमें शामिल होने प्रदेश के युवा सरगुजा, बस्तर समेत प्रदेश के कई सुदूरवर्ती क्षेत्रों से अनेक परेशानियों का सामना करते हुए इन चुनिंदा परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे थे। ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा होने के बावजूद विभाग को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी करने में 5 महीने का वक्त लगा। लिखित परीक्षा का परिणाम 10 मई 2022 को जारी किया गया। जिसमें विज्ञापित 400 पदों के खिलाफ 5 गुना अभ्यर्थियों को बुलाया गया। लिखित परीक्षा के परिणाम के बाद भी कम्प्यूटर बेस्ड ऑन लाईन टायपिंग परीक्षा आयोजित करने में विभाग ने देरी की और 6 अगस्त 2022 को टायपिंग परीक्षा का आयोजन फिर से रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर के चुनिंदा परीक्षा केंद्रों में किया गया। जिसमें बस्तर और सरगुजा के सुदूर क्षेत्रों के बेरोजगार युवा जिनकी संख्या लगभग 2126 थी अभ्यर्थी के सम्मिलित हुए। अब टायपिंग परीक्षा होने के लगभग 4 महीनें बाद भी विभाग रिजल्ट जारी करने में असफल रहा है जिसका खामियाजा प्रदेश के हज़ारों युवा बेरोजगारों को उठाना पड़ रहा है, इनमें कई ऐसे बेरोजगार भी शामिल हैं जिनके पास सरकारी नौकरी पाने का यह अंतिम मौका था।
डेटा एंट्री ऑपरेटर भर्ती को जल्द पूर्ण कराने के लिए किसी प्रतिष्ठित वकील के माध्यम से जल्द ही हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इसकी जानकारी देते हुए मुहिम का नेतृत्व करने वाले एक छात्र ने बताया है कि हम सरकार को हर संभव तरीके से अपनी समस्या बता चुके हैं। सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने और बेरोजगारों की अनदेखी से त्रस्त हो कर हमने न्यायालय जाने का फैसला लिया है, हमने इसके लिए आर्थिक मदद जुटाने की कोशिश शुरू की है। उन्होंने कहा है कि न्यायालय की शीतकालीन छुट्टियां समाप्त होते ही याचिका दायर कर दी जाएगी। वहीं इस परेशानी के बारे में चर्चा करते हुए कहा है कि सरकार ने बेवजह आरक्षण का बहाना बना कर हमारी भर्ती रोक कर रखा है जबकि इस भर्ती परीक्षा के समानांतर कई भर्ती प्रक्रियाओं को पूर्ण किया जा चुका है। डेटा एंट्री ऑपरेटर के साथ ही सीएसईबी ने जूनियर इंजीनियर की भर्ती परीक्षा भी अयोजित की थी, जिसे पूरा कर लिया गया, वहीं खाद्य विभाग में खाद्य निरीक्षकों की भर्ती भी पुरी की जा चुकी है, वहीं पटवारी भर्ती प्रक्रिया भी जारी है। अभ्यर्थियों ने विभाग की कमजोर इच्छा शक्ति और सरकार की अनदेखी को जिम्मेदार बताया है।

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