कांग्रेस सरकार से न्याय मांग रहे हैं पत्रकार, गाली-गलौज करने वाले कांग्रेसी नेता के गिरफ्तारी की मांग, बैठे धरने पर,

अंबिकापुर/ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के युवा आदिवासी पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ सत्ता पक्ष के दबाव में हुई अंबिकापुर कोतवाली थाना में द्वेषपूर्वक कार्यवाही के विरोध में सरगुजा जिले के पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया हैं। सरगुजा पत्रकार संघ सहित समस्त पत्रकार संगठनों ने पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ हुई षडयंत्र पूर्वक कार्यवाही के विरोध में अंबिकापुर के हृदय स्थल गाँधी चौक पर मोर्चा खोल दिया है। सोमवार से समस्त पत्रकार अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। कांग्रेस सरकार के लिये इससे बड़ी विडम्बना क्या होगी कि पत्रकार अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिये बाध्य हो गये हैं।
दरअसल सरगुजा में विगत दिनों इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार सुशील कुमार बखला को तथाकथित कांग्रेसी नेता इरफ़ान सिद्धकी ने जाति सूचक और भद्दी-भद्दी गाली देकर जान से मारने की धमकी फोन कॉल के माध्यम से दी थी, जिसे सुशील कुमार बखला ने सार्वजनिक कर दिया था और थाने में जाकर इसकी रिपोर्ट लिखवाई थी, इसके बावजुद तथाकथित कांग्रेसी नेता की गिरफ्तारी अब तक नहीं होने से पत्रकार नाराज़ हैं। घटना के विषय में जानकारी है कि पत्रकार सुशील बखला बतौली के चिरंगा स्थित विवादित माँ कुदरगढ़ी एल्युमिनियम रिफाइनरी फैक्ट्री का खबर बनाने पहुंचे थे। जिसकी जानकारी तथाकथित कांग्रेसी नेता इरफान सिद्दीकी को होने पर वे अपना आपा खो बैठे और पत्रकार को मोबाईल फोन के माध्यम से जहां देखलेने की बात कही, वहीं कहा कि अब तुम्हारी उल्टी गिनती शुरू हो गई है साथ ही गालियां भी फोन कॉल पर दी।

इधर पीड़ित पत्रकार सुशील बखला की शिकायत पर अंबिकापुर अजाक पुलिस ने आरोपी इरफान सिद्धकी के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है। लेकिन इस मामले में अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जबकि कोतवाली पुलिस ने पीड़ित सुशील बखला पर दबाव बनाने की नियत से आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। जो साफ-साफ दर्शाता है कि शासन-सत्ता के दबाव में पुलिसीया कार्यवाही है। पीड़ित पत्रकार के खिलाफ हुई इस कार्यवाही के विरोध में समस्त पत्रकार संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है। पत्रकार के हित में पत्रकारों ने निर्णय लिया है कि जब तक पीड़ित पत्रकार सुशील बखला को ससम्मान पूर्वक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
पत्रकारों की मांग हैं कि इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाये साथ ही पत्रकार सुशील बखला के खिलाफ कोतवाली थाना में आईटी एक्ट के तहत हुई द्वेषपूर्वक एफआईआर को वापस लिया जाए। इसके अलावा पत्रकारों की मांग है कि आरोपी इरफान सिद्धकी का मां कुदरगढ़ी एल्युमुनिया फैक्ट्री से क्या संबंध है सरकार इसे भी स्पष्ट करे। जब तक पत्रकारों की इस मांग को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक यह धरना अनवरत जारी रहेगा।

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