
वर्ष 2009 में गुहागर से जाधव ने कद्दावर नेता रामदास कदम और four बार के विधायक रहे डॉ विनय पप्पू को चुना।
भास्कर जाधव गुहागर सीट से एनसीपी के विधायक हैं और महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष भी बने हुए हैं
- Information18Hindi
- आखरी अपडेट:
19 अक्टूबर, 2019, 3:39 बजे IST
भास्कर जाधव गुहागर सीट से एनसीपी के विधायक हैं। वे महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष भी बने हुए हैं। उन्होंने एनसीपी-कांग्रेस की महाराष्ट्र की सरकारों में राज्य मंत्री के रूप में काम किया है। जाधव का जाना एनसीपी के लिए बड़े झटके से कम नहीं। विधानसभा चुनाव से पहले चले भगदड़ में बड़े बड़े नामों ने एनसीपी छोड़ने में देरी नहीं की है।
सबसे पहले शिवसेना से विधायक बने
भास्कर जाधव सबसे पहले रत्नागिरी ज़िला परिषद के सदस्य बने। उसके बाद वर्ष 1995 में वे चिपलुन क्षेत्र से शिवसेना की तरफ से विधायक बने। वर्ष 1999 में वे फिर से विधायक निर्वाचित हुए। लेकिन शिवसेना छोड़ने के बाद साल 2004 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और एनसीपी के रमेश कदम से चाव हार गए। इसी चुनाव में पहली बार शिवसेना के किसी उम्मीदवार की ज़मानत भी ज़बत हुई। शिवसेना के उम्मीदवार प्रभाकर शिंदे की ज़मानत बच गई थी। हार के बाद भास्कर जाधव एनसीपी में शामिल हो गए। कुछ समय बाद वे वर्ष 2006 में महाराष्ट्र विधान परिषद के कोंकण क्षेत्र से सदस्य बने। वर्ष 2009 में वे गुहागर से एनसीपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े और उन्होंने बीजेपी के कद्दावर नेता रामदास कदम और four बार के मौजूदा विधायक रहे डॉ विनय नाटू को चुना। इस जीत ने भास्कर जाधव का सियासी कद बहुत बढ़ा दिया। इसके बाद उन्हें राज्यमंत्री बनने का मौका मिला।
वर्ष 2009 में वे पहली बार महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री बने और उन्हें शहरी विकास, वन, बंदरगाह, खेल, संसदीय मामले, युवा विकास जैसे मंत्रालय मिले। रत्नागिरी जिले के वो संरक्षक मिनिस्टर भी बने। लेकिन भास्कर जाधव को राजनीति में वो दौर भी देखना पड़ा जब उनकी अनदेखी हुई। राज्य मंत्री रहने के बावजूद उन्हें मंत्रालय में जगह नहीं मिली। वर्ष 2013 में भास्कर जाधव महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष बने।
वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भास्कर जाधव बीजेपी के डॉ विनय नाटू को दूसरे बार हराकर विधायक बने। अब भास्कर जाधव की शिवसेना में बदलाव के बाद ये कोशिश होगी कि वो जीत हासिल कर शिवसेना का राजनीतिक कर्ज़ चुके हों।