इंजीनियरिंग कॉलेज की भूमि होगी कब्जामुक्त, न्यायालय ने छात्रहित में सुनाया फैसला


अंबिकापुर। शासन द्वारा सरगुजा अंचल के छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना वर्ष 2010 में की गई थी। कॉलेज के लिए नेहरू नगर, डिगमा अंबिकापुर में शासन द्वारा 26 एकड़ भूमि प्रदान की गई थी, परंतु अवैध रूप से विस्थापित सुख विश्वास द्वारा सात एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा कर जिला न्यायालय अंबिकापुर में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और शासन के विरूद्ध वर्ष 2014 में मुकदमा दायर किया था, इसमें महाविद्यालय की ओर से अधिवक्ता अमित विश्वकर्मा थे। इस पर उच्च न्यायालय बिलासपुर ने अपने आदेश दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को उक्त प्रकरण को छह माह के अंदर निराकृत करने जिला न्यायालय अंबिकापुर आदेशित किया था, जिस पर जिला न्यायालय ने सुख विश्वास द्वारा प्रस्तुत याचिका को खारिज करते हुए 29 अप्रैल 2023 को निर्णय शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के पक्ष में दिया है। कब्जा की गई उक्त भूमि को तत्काल खाली कर 1350 लाख का निर्माण कार्य कराया जाएगा। अवैध कब्जा से एआइसीटी की मान्यता पर भी खतरा रहता था, क्योंकि जमीन कम पड़ रही थी। अवैध कब्जा की भूमि को मुक्त कराने की पहल में जिला प्रशासन की ओर से सरगुजा कलेक्टर के अलावा छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई के कुलपति डॉ. एमके वर्मा, कुलसचिव डॉ. केके वर्मा तथा संस्था के प्राचार्य डॉ. आरएन खरे का विशेष योगदान रहा, जिससे परिणाम छात्रहित में आया।

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