सरगुजा में संचालित 13 महतारी एक्सप्रेस के पहिये थमे


पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

अंबिकापुर। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर 102 महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी बुधवार से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर चले गए, जिससे प्रसूताओं को लाने-ले जाने में काफी असुविधा का सामना स्वजनों को करना पड़ रहा है। सरगुजा जिले में 13 महतारी एक्सप्रेस संचालित हैं, जिसमें लगभग 52 कर्मचारी काम करते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि 102 महतारी एंबुलेंस सेवा की नई सेवा प्रदाता ठेका कंपनी द्वारा भर्ती विज्ञापन जारी कर नए कर्मचारियों की भर्ती ली जा रही है और उन्हें काम से पृथक किया जा रहा है। 102 के कर्मचारियों ने बताया कि मांगों व समस्याओं के निराकरण हेतु मांग मुख्यमंत्री, एंबुलेंस सेवा प्रदाता ठेका कंपनी सहित स्वास्थ्य विभाग एवं शासन-प्रशासन के समक्ष विगत कई वर्षों से करते आ रहे हैं लेकिन समस्याओं के निराकरण की दिशा में कोई सार्थक पहल नहीं हो सकी है। कर्मचारियों द्वारा इस वर्ष 29 से 31 मई तक काली पट्टी लगाकर कार्य किया गया। दो जून को रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व 9 जून को सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन किया लेकिन मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया। इनका कहना है कि उनसे 15 घंटे तक काम लिया जा रहा है, बावजूद इसके किसी प्रकार की कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जा रही है। एंबुलेंस में जीवन रक्षक आवश्यक उपकरण, दवाइयां एवं ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं रहती। टेंडर में उल्लेख है कि 2.5 लाख किलोमीटर चल जाने पर नई एंबुलेंस से सेवा का संचालन किया जाएगा, लेकिन 2.5 लाख किलोमीटर से अधिक गाड़ी चलने के बाद भी ये एंबुलेंस दौड़ रही हंै। आठ से 10 हजार किलोमीटर चलने पर सर्विसिंग होना है, मगर 20-25 हजार किमी चलने पर सर्विसिंग कराया जाता है, जिससे एंबुलेंस समय पूर्व जर्जर हो चुकी है। एंबुलेंस खराब होने पर कर्मचारियों से राशि वसूल की जाती है। कर्मचारियों को अकारण रायपुर बुलाकर परेशान किया जाता है, जिससे वे डर-भय युक्त माहौल में नौकरी करने विवश हंै। समस्याओं की जानकारी शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देने के बाद भी समाधान नहीं हुआ। आरोप है कि उक्त ठेका कंपनी ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस की गुणवत्ता और कर्मचारियों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर दिया है, यही हाल 102 महतारी एंबुलेंस का भी है। आंदोलन के प्रथम चरण में 21 सितंबर को मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा। इस दौरान 108 संजीवनी एंबुलेंस सेवा और 102 महतारी एंबुलेंस सेवा बाधित होने की संपूर्ण जिम्मेदारी सेवा प्रदाता ठेका कंपनी व सरकार की होगी।
यह है मांग
102 महतारी एंबुलेंस सेवा का नई सेवा प्रदाता ठेका कंपनी द्वारा जारी भर्ती विज्ञापन निरस्त किया जाए। 10 वर्षों से उक्त सेवा में कार्य करने वाले अनुभवी कर्मचारियों को उनके वर्तमान कार्यस्थल पर पुन: पदस्थापना दिया जाए और 2018 से शेष बचे कर्मचारियों का समायोजन किया जाए। पूर्व बकाया वेतन का भुगतान तुरंत किया जाए और कर्मचारियों को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान किया जाए। 2018 से 2023 तक का वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ, यथा शीघ्र एरियर्स के रूप में एकमुश्त भुगतान किया जाए। अतिरिक्त कार्य ओवर टाइम का भुगतान किया जाए। मुख्यमंत्री के वायदा अनुसार ठेका प्रथा से हटाकर, सरकार इस सेवा का स्वयं संचालन करे और 60 साल तक नौकरी की गारंटी दी जाए।

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