तीन दिन के अंतराल में दो मौतें, इलाज में लापरवाही का आरोप


मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने पीड़ित पक्ष की बात सुनकर जांच, कार्रवाई का दिया आश्वासन


अंबिकापुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रविवार की रात इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई। स्वजन ने चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही और दो बार अस्पताल लाने के बाद भर्ती नहीं करने का आरोप लगाया है। इसी बात को लेकर देर रात हंगामा की स्थिति बनी।

बढ़ते विवाद के बीच प्रभारी अस्पताल अधीक्षक ने जांच टीम गठित कर दोषी चिकित्सक के विरूद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जानकारी के मुताबिक रविवार की शाम को शहर के दर्रीपारा की शांति मरावी पति चमारो सिंह 55 वर्ष को उल्टी और कमजोरी की शिकायत पर बेहोशी की हालत में स्वजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे थे, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

इसके बाद चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए स्वजन हंगामा मचाना शुरू कर दिए। मृतिका की भतीजी आरती पिता शोभन का आरोप है कि चाची का स्वास्थ्य खराब होने की स्थिति में वे 27 जुलाई को उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए थे।

यहां जांच के बाद दवा और इंजेक्शन देकर उन्हें घर भेज दिया गया। 28 जुलाई, रविवार की दोपहर वे पुन: तबियत बिगड़ने पर उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, पुन: दवा देकर उन्हें घर ले जाने के लिए कहा गया। शाम को उनकी तबियत पुन: बिगड़ने लगी, तो वे आननफानन में उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन निडिल लगाने के लिए नस नहीं मिला।

वहीं बेहोशी की हालत से उन्हें उबारने के लिए चिकित्सक ने सीपीआर दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। आरोप है कि इसके बाद चिकित्सक वहां से चले गए और शाम को सात बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया। स्वजन का आरोप है कि मौत चिकित्सक के द्वारा इलाज में की गई लापरवाही के कारण हुई है।

दो दिन लगातार बीमार को अस्पताल लाने के बाद भी उन्हें दवा देकर घर भेज दिया जा रहा था। अस्पताल में हंगामा की सूचना पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जेके रेलवानी भी पहुंचे और महिला की मौत के पूर्व तक की स्थिति से अवगत हुए।

शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए स्वजन तैयार नहीं हुए। स्वजन ने लिखित में आवेदन देकर चिकित्सक के विरूद्ध जांच, कार्रवाई करने की मांग की है।

कमेटी बनाकर कराएंगे मामले की जांच
अधेड़ महिला की मौत के बाद स्वजनों के द्वारा मचाए जा रहे हंगामा के बीच पहुंचे मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ. जेके रेलवानी ने इनकी बातों को सुनने के बाद जांच कमेटी गठित करके मामले की जांच कराने के लिए आश्वस्त किया है।

उन्होंने कहा कि इलाज में लापरवाही पाए जाने पर दोषी के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

एक जांच रिपोर्ट का पता नहीं, फिर बनेगी जांच कमेटी
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की चरमराई स्वास्थ्य सुविधा इन दिनों सुर्खियों में है। तीन दिनों के अंदर दो मरीजों की मौत के बाद स्वजनों ने नर्स व चिकित्सक को इसका जिम्मेदार ठहराया है।

अस्पताल प्रबंधन जांच टीम गठित कर मामले को रफा-दफा करता है या किसी को जवाबदेह ठहराया जाता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

हाल की स्थिति पर नजर डालें तो नोजल से ऑक्सीजन सप्लाई अवरूद्ध रहने से हुई मौत के आरोप की जांच पूरी नहीं हो पाई है, पुन: महिला की मौत के मामले में जांच टीम गठित करने की नौबत बन गई है।

अस्पताल में मरीजों की जान जा रही, प्रबंधन सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों का आवभगत कर रहा
कांग्रेस ने व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर जनांदोलन की चेतावनी दी

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली और नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही के चलते तीन दिन में दो मरीजों की मौत पर संज्ञान में लेकर कांग्रेस ने व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर जनांदोलन की चेतावनी दी है।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, प्रदेश महामंत्री द्वितेंद्र मिश्रा, ब्लॉक अध्यक्ष हेमन्त सिन्हा, विनय शर्मा बंटी के अगुआई में कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या से मिलकर अपनी बात रखी। कांग्रेसियों ने अस्पताल में भर्ती मरीज की ऑक्सीजन नहीं मिलने से मौत पर सवाल उठाए।

उन्होंने कहा अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी बेहद गंभीर विषय है। यदि नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से घटना हुई है, तो यह और भी भयावह और अमानवीय है। इसकी जांच कराकर दोषी लोगों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।

इसी प्रकार दर्रीपारा की एक महिला अस्पताल में इलाज के लिए आई, उसे उपचार के बिना घर भेज दिया गया, अगले दिन उसकी मौत हो गई। मामले में स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाया है, यह बेहद दुर्भाग्यजनक है।

रामपुर में भी सड़क दुर्घटना में सिर में चोट आने से गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को रायपुर रेफर किया गया था, उसे स्वजन और जनप्रतिनिधियों के बार-बार आग्रह के बाद भी एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराया गया।

इस दौरान शैलेन्द्र सोनी, विकल झा, आशीष वर्मा, अनूप मेहता, सुदामा कुर्रे, चन्द्र प्रकाश सिंह, दीपक मिश्रा, काजू खान, रजनीश सिंह, नितिश चौरसिया, काजू खान समेत अन्य मौजूद थे।

बिना जांच के नहीं कर सकते किसी तरह की कार्रवाई
कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया लगातार इस तरह की शिकायत आ रही है और अस्पताल प्रबंधन सत्तापक्ष के जन प्रतिनिधियों के आवभगत में लगा है। कांग्रेस पदाधिकारियों ने अस्पताल में लगाए गए कैमरों की फुटेज, पीड़ित पक्षों के बयान के आधार पर जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

अस्पताल अधीक्षक ने जांच के बिना किसी तरह की कार्रवाई मेें असमर्थता व्यक्त किया है। उन्होंने कहा नर्सिंग स्टाफ के व्यवहार में सुधार की जरूरत है। इसके लिए दिल्ली की एक संस्था से प्रशिक्षण की व्यवस्था एक वर्ष पूर्व की गई थी। ऐसे ही प्रशिक्षण की तैयारी की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जांच से पहले किसी तरह की कार्रवाई से नर्सिंग स्टाफ लामबंद हो सकते हैं, जिससे अस्पताल की व्यवस्था ठप हो जाएगी। कांग्रेस ने अस्पताल की व्यवस्था में सुधार नहीं होने पर सड़क पर आंदोलन खड़ा करने की चेतावनी दी है।

नर्स को बर्खास्त करने व मृतक के स्वजन को 50 लाख रुपये देने की मांग
छत्तीसगढ़ प्रांत सेन नाई समाज ने मेडिकल कॉलेज के डीन, अस्पताल अधीक्षक सहित अन्य के नाम पत्र प्रेषित करके चिकित्सा में लापरवाही बरतने वाले ड्यूटी में उपस्थित डॉक्टर एवं नर्सों पर कार्रवाई तथा मृतक के स्वजन को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि बीते 26 जुलाई को राजमाता देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध जिला अस्पताल के पुरूष वार्ड में रामचन्द्र ठाकुर 50 वर्ष, निवासी गंगोटी बांसापारा, भैयाथान को भर्ती किया गया था।

शाम लगभग 05 बजे ऑक्सीजन के कनेक्शन पाइप से नोजल निकल गया था, जिस कारण उनकी मृत्यु शाम सात बजे हो गई।

इनके पुत्र संजय ठाकुर एवं दामाद मनोज ठाकुर ने डयूटी में उपस्थित नर्सों को शाम 5 से 7 बजे के बीच कई बार ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम के कनेक्शन पाइप से नोजल निकलने की सूचना दी और बताया कि मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत है, लेकिन नर्स इनकी गुहार को नजरअंदाज करते रह गई और मरीज की मृत्यु हो गई।

संघ ने ऐसे लापरवाह नर्सों पर कठोर कार्रवाई करने व इन्हें तत्काल कार्य मुक्त करते हुए इन पर अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है। संघ ने 72 घंटे के अंदर की गई कार्रवाई से अवगत कराने का आग्रह किया है। इसकी प्रतिलिपि स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन और सीएमएचओ सरगुजा को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित की गई है।

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