मारपीट में घायल महिला को अस्पताल लाने झेलगी में सड़क मार्ग तक लाना पड़ा


एंबुलेंस नहीं मिलने पर लहूलुहान महिला को पिकअप में लेकर पहुंचे मेडिकल अस्पताल, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में लटका था ताला

अंबिकापुर। सोमवार की रात एक वृद्ध महिला का उसके नाती ने शराब के नशे में लकड़ी से मारकर सिर फोड़ दिया। महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इसके बाद लहुलुहान महिला को अस्पताल पहुुंचाना स्वजन के लिए बड़ी चुनौती बन गई। महिला को रात के समय झेलगी में लेकर टार्च की रोशनी में स्वजन एक किलोमीटर पैदल चलते मुख्य सड़क तक पहुंचे। इसके बाद पिकअप में लादकर किसी तरह कुन्नी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। यहां कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। चिकित्सा व्यवस्था बेहाल देखकर स्वजन निजी वाहन से ही महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लेकर पहुंचे, यहां उसका इलाज शुरू हुआ। ऐसे हालातों से अनुमान लगाया जा सकता है कि आधुनिक भारत के बीच सरगुजा में ऐसे गांव हैं, जो जनसामान्य की आवश्यक सुविधाओं से महरूम हैं।
जानकारी के अनुसार कोन्दी बाई 65 वर्ष लखनपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत सकरिया के बेंदोखोरा गांव की रहने वाली है। इसका नाती अमरेश सोमवार की रात को शराब पीकर घर आया और मारपीट करने लगा। कोन्दी बाई खाना खा रही थी, तभी उसका नाती लकड़ी से उसके सिर पर प्रणाघातक हमला कर दिया। वृद्धा गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इस स्थिति में स्वजन के सामने उसे अस्पताल पहुंचाना आसान नहीं था। गांव में न तो सड़क है और न ही बिजली, पानी। रात के अंधेरे में वृद्धा को अस्पताल पहुंचाने की तैयारी स्वजन किए। गांव वालों की मदद से झेलगी में टांगकर करीब एक किलोमीटर टॉर्च की रोशनी में पैदल चलते वे सड़क तक पहुंचे। इसके बाद कोई सुविधा नहीं मिलने पर खून से लथपथ वृद्धा को पिकअप में लेकर कुन्नी स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे तो यहां ताला लटका था, कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में इनकी परेशानी और बढ़ गई। इसके बाद घायल वृद्धा को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया, यहां जांच के बाद चिकित्सकों ने उसकी मरहम-पट्टी की और भर्ती कर लिया। जिले में विकास के दावों को चुनौती देने वाले ऐसे परिदृश्य आए दिन सामने आते हैं। किसी भी रहवासी इलाके की मुख्य जरूरत सड़क, पानी और बिजली की सुविधा से सरगुजा का कई इलाका वंचित है। उपमुख्यमंत्री के इलाके में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति कितनी ठीक नहीं है, यह बंद प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य, नदारद डॉक्टर से लगाया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती वृद्धा के स्वजन ने बातचीत के दौरान बताया कि गांव में बिजली, सड़क व पानी की समस्या बरकरार है। रात में किसी का तबीयत बिगड़ जाए तो सड़क की कमी खलती है। रास्ता नहीं होने के कारण गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। गांव तक एंबुलेंस व कोई अन्य गाड़ी के पहुंच की सुविधा नहीं है। स्वच्छ पीने का पानी तक उन्हें नसीब नहीं है।
एंबुलेंस नहीं मिलने पर पिकअप से लेकर निकले
स्वजन ने बताया कि उन्होंने घर से संजीवनी 108 एंबुलेंस के लिए फोन किया, पर मुख्य सड़क तक भी एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। ऐसे में पिकअप में खून से लथपथ महिला को लेकर वे कुन्नी अस्पताल पहुंचे। यहां तक आने के बाद भी परेशानी बनी रही। इसके बाद उन्हें अंबिकापुर की ओर रूख करना पड़ा।

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