2 अगस्त को जनसुनवाई से पहले टीएस सिंहदेव के बयान के मायने गंभीर

अम्बिकापुर/2 अगस्त को उदयपुर क्षेत्र में प्रस्तावित खदानों के लिए पर्यावरण स्वीकृति की दृष्टि से जनसुनवाई का आयोजन किया गया है।

इसके ठीक पहले प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव का एक बयान आया है जिसकी क्षेत्र में चर्चा है। हालांकि सीधे तौर पर उन्होंने कुछ कहा नहीं है। लेकिन जिला कांग्रेस कमेटी सरगुजा के मीडिया प्रभाग द्वारा जारी इस बयान की चर्चा क्षेत्र में है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव का यह बयान लगभग 4-5 लाईन का है। लेकिन उसमें कुछ शब्द और पंक्तियां ऐसी हैं, जिनके मायने गंभीर हैं। टीएस सिंहदेव हमेशा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को कहते रहे हैं आप सब एकजुट रहें, कोई कंपनी और सरकार आपकी जमीनों को, आपके जल, जंगल, जमीन को नहीं ले सकती।

टीएस सिंहदेव ने बयान में कहा है एकजुटता और एकता में ही सफलता है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा है कि आपके फैसले का क्षेत्र में लम्बे समय तक प्रभाव पड़ेगा।

टीएस सिंहदेव हमेशा से कहते रहे हैं कि मैं प्रभावित क्षेत्र के लोगों का जो मत रहेगा उनके उसी फैसले के साथ रहूंगा। हालांकि टी एस सिंहदेव लगातार हसदेव को बचाने की वकालत करते रहे हैं।

टीएस सिंह देव हमेशा से जल, जंगल, जमीन को बचाने के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने हसदेव बचाओ आंदोलन को सम्बोधित करते हुए कहा था कि जब विदेशों से सस्ते में कोयला मिल रहा है और वहां से भी कोयला लेकर बिजली बनायी जा सकती है तो फिर हसदेव का विनाश क्यों?

कांग्रेस के शासनकाल में भी वे तब प्रभावित क्षेत्र में आमजनों के बीच पहुंचे थे जब लोगों में सरकार के प्रति गुस्सा था। जंगल काटने को लेकर लोगों की आपत्ति थी। तब उन्होंने जंगल नहीं कटने देने की वकालत की थी।

2 अगस्त को होने वाले जनसुनवाई के पूर्व उनका यह बयान इसी तरफ इशारा कर रहा है। हम सब को पता है कि यदि हसदेव में वृहद स्तर पर जंगल कटाई एवं कोल उत्पादन हुआ तो सरगुजा एवं उदयपुर पर इसका दुष्प्रभाव लम्बे समय तक रहेगा, जिससे निकल पाना वर्षों तक मुश्किल होगा। यही कारण है कि उन्होंने अपने बयान के जरिये कहा है कि आपके एक फैसले का असर लम्बे समय तक रहेगा।

वहीं उन्होंने एकजुटता का मंत्र दिया है और एकता में ही जीत बताई है, आप यदि कोल प्रभावित क्षेत्रों में टी एस सिंह देव के पुराने बयानों पर गौर करें तो वो हमेशा अमेरा खदान लखनपुर से लगे कटकोना और परसोड़ी कला का उदाहरण हर जगह देते रहे हैं कि कैसे वहां के लोगों ने एकजुटता से अपनी जमीन बचाई और खदान नहीं खुलने दिया।

2 अगस्त को प्रस्तावित जनसुनवाई से पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंह देव के इस बयान के बड़े गंभीर अर्थ हैं। सीधे तौर पर वे कुछ नहीं कह रहे लेकिन खदान खुलने के बाद क्या प्रभाव पड़ सकता है क्या हो सकता है काफी कुछ उन्होंने 4 लाईन के बयान में बता दिया है।

यही कारण है कि उन्होंने इस जनसुनवाई को क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण बताया है। हम आपको बता दें कि क्षेत्र में नई खदानों तथा पुरानी खदानों के एक्सटेंशन को लेकर काफी विरोध है। हरिहरपुर में लोग लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।

वहीं जनसुनवाई को लेकर भी लोगों में काफी नाराजगी है। लोगों का कहना है जहां के लिए, जिस गांव के लिए जनसुनवाई है वहां न होकर दूसरे जगह क्यों आयोजित की गई है।

जनसुनवाई को लेकर सवाल कई हैं लेकिन जवाब देने को अधिकारी तैयार नहीं है। विरोध को देखते हुए ही जनसुनवाई दूसरे गांव में आयोजित की गई है।


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