स्वामी आत्मानंद सहजता, संयम और प्रेम भाव के प्रतीक -आदित्येश्वर


अंबिकापुर। स्वामी आत्मानंद की जीवन शैली सहजता, संयम और सबके प्रति आदर व प्रेमभाव का अनुकरणीय उदाहरण है। उक्ताशय के विचार स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी विद्यालय केशवपुर में आयोजित जयंती समारोह में आदित्येेश्वर शरण सिंह देव ने मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए। इस मौके पर शिक्षिका साक्षी पांडेय के निर्देशन में प्रियांशी तिवारी एवं साथियों ने स्वागत गीत की प्रस्तुती दी।
प्राचार्य संतोष साहू ने स्वागत उद्बोधन में स्वामी आत्मानंद के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा स्वामी आत्मानंद ने 1974 में विश्वास विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल हेल्थ वेलफेयर एंड सर्विस नामक संस्था की स्थापना की। इसके माध्यम से बालिकाओं, महिलाओं को शिक्षित बनाने की दिशा में कार्य उन्होंने किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ व्याख्याता सुनील कुमार सिंह ने किया। विद्यालय की छात्रा महिमा हालदार ने स्वामी आत्मानंद के जीवन को रेखांकित करते हुए कहा कि वे रामकृष्ण मिशन के एक संत, समाज सुधारक और शिक्षाविद थे। संस्कृत के आचार्य आकाश द्विवेदी ने बताया स्वामी आत्मानंद जिनका बचपन का नाम तुलेन्द्र था। उन्होंने इनके वर्धा प्रवास एवं महात्मा गांधी के सान्निध्य में बीते पलों को संस्कृत में प्रस्तुत किया। व्याख्याता जेस्सी एंब्रोस ने भी कहा कि स्वामी आत्मानंद सिविल सेवा में भारत में प्रथम 10 में अपना स्थान सुरक्षित किए। जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में आए रविशंकर पांडेय ने स्वामी आत्मानंद विद्यालय के संचालन पर प्रकाश डाला और बताया कि जिले में 18 विद्यालय संचालित हैं। उन्होंने कहा विलक्षण प्रतिभा के धनी एवं हारमोनियम में भजन गाने में निपुण बालक तुलेंद्र, महात्मा गांधी के प्रिय बालक थे। विशिष्ट अतिथि निगम के एमआईसी सदस्य द्वितेंद्र मिश्र ने कहा बचपन से ही इनमें संस्कारों की दीक्षा थी। इस मौके पर स्वामी आत्मानंद पर मानव पीड़ा से व्यथित होने वाली बायोग्राफी पेंटिंग्स एवं कविता पाठ का उत्कृष्ट प्रदर्शन हिंदी एवं अंग्रेजी माध्यम के बच्चों ने किया। मुख्य अतिथि ने बच्चों के बीच जाकर उनकी बनाई कृतियों का अवलोकन करते हुए इनका उत्साह बढ़ाया। व्याख्याता अनिल त्रिपाठी ने अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अंचल सिन्हा, नीतू यादव, अजीत लकड़ा, संस्कृति श्रीवास्तव, गंगा पैकरा, देवेंद्र भगत, असीम टोप्पो, रोहित नायर, जाह्नवी श्रीवास्तव सहित विद्यालय के सभी कर्मचारी-अधिकारी का सहयोग सराहनीय रहा।

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