सीएम को हसदेव अरण्य से जुड़े विरोध प्रदर्शन की जमीनी स्थिति से अवगत कराया सिंहदेव ने


अंबिकापुर। एआईसीसी के लोकसभा चुनाव घोषणा पत्र के संयोजक और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से दूरभाष के माध्यम से बात कर उन्हें हसदेव अरण्य से जुड़े विरोध प्रदर्शन की जमीनी स्थिति से अवगत कराया। यहां पुराने खदानों में उत्खनन के प्रति स्थानीय लोगों के मत विभाजित हैं, वहीं नए खदानों में माइनिंग के विरोध में पूरा आदिवासी समाज एकमत है। सिंहदेव ने कहा आप स्वयं सरगुजा अंचल के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र और समुदाय के हैं, उन्हें आदिवासी विचारधारा, संस्कृति, परंपराएं और मान्यताओं की पूरी जानकारी है। आदिवासी समुदाय के जल, जंगल, जमीन के प्रति प्यार, समर्पण, निष्ठा से वे पूर्ण रूप से परिचित हंै। उन्होंने कहा है कि विधानसभा में सर्वसम्मति से हसदेव में नए खनन के विरुद्ध पारित प्रस्ताव का सम्मान करते हुए, सरगुजा के आदिवासी समाज के हित के लिए, उनकी इच्छानुसार, मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ सरकार को नए खदानों के खनन पर रोक लगानी चाहिए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से हुई बातचीत के अंश को उन्होंने ट्विट भी किया है। बता दें हसदेव अरण्य क्षेत्र से लगे जंगल क्षेत्र के पेड़ों को हाल में पुलिस-प्रशासन ने पहरा लगाकर नेस्तनाबूत कर मैदान में तब्दील कर दिया है। वहीं जंगल की सुरक्षा के लिए क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा 500 से अधिक दिन हो गए, आंदोलन में डटे हैं। इधर पेड़ों की कटाई के लिए सुनियोजित तरीके से किया गया। आंदोलन को बल न मिलने पाए, इसके लिए नेतृत्वकर्ताओं को पुलिस अपने कब्जे में ले ली, ताकि वे ग्रामीणों के साथ विरोध का स्वर मुखर न करने पाएं। 25 दिसंबर को ग्रामीणों के बीच जब प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पहुंचे, तो उन्होंने पूरी बातों को विस्तार से उनके समक्ष रखा था। इसके पहले कांग्रेस का दल ग्रामीणों के बीच धरनास्थल में काफी मशक्कत के बाद पहुंच पाया था।

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