बच्चों की मन: स्थिति को समझ नहीं पाना बेहद चिंताजनक-एएसपी पुपलेश कुमार

अंबिकापुर। कलेक्टर विलास भोस्कर द्वारा गठित शासकीय, अशासकीय व अनुदान प्राप्त स्कूलों के लिए बनाई गई समिति के पदाधिकारी व सदस्य बुधवार को नगर के कार्मेल स्कूल पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में जुटे अभिभावकों व शिक्षक, शिक्षिकाओं से लंबी चर्चा की गई। स्कूल के सभागार में जुटे अभिभावकों ने कई महत्वपूर्ण सुझाव समिति को दिए हैं। अभिभावकों ने स्कूल को तनाव रहित वातावरण बनाने, विद्यालय के आसपास पुलिस की सुरक्षा उपलब्ध कराने, बच्चों में नैतिक शिक्षा के विकास के लिए पहल करने, किशोरावस्था के बच्चों का विशेष ध्यान रखने, अभिभावक व शिक्षक, शिक्षिकाओं के बीच नियमित बैठक करने, बच्चों के शिकायतों की जानकारी तत्काल अभिभावकों को देने, स्कूल के आसपास यातायात व्यवस्था के लिए पुलिस की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सलाह दी है। समिति की ओर से अभिभावकों को अपने बच्चों के नियमित देखभाल, उनकी निगरानी, उनसे बैठकर बातचीत करने, ज्यादा से ज्यादा समय देने की बात कही गई है।


समिति के अध्यक्ष अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुपलेश कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. संजय गुहे, समिति के सदस्य अनंगपाल दीक्षित, अधिवक्ता अभिषेक शर्मा, आरएमएसए के सहायक परियोजना अधिकारी रवि शंकर पांडेय ने अभिभावकों व शिक्षकों के समक्ष अपनी बातें रखकर बच्चों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है। एएसपी पुपलेश कुमार ने अभिभावकों व शिक्षकों से कहा कि पिछले दिनों जो घटना स्कूल में हुई वह हृदय विदारक है। हम सबको सोचने की जरूरत है कि आखिरकार बच्चों को कैसा तनाव है कि वे आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। जिस दिन बच्चे आत्महत्या करते हैं यह उस दिन की ही बात नहीं होती, इसके पूर्व कुछ न कुछ बातें जरूर रहती हैं जिसको बच्चा किसी को बता नहीं पा रहा है। स्कूल के शिक्षक, शिक्षिकाओं के साथ अभिभावक यदि बच्चों की मन: स्थिति को नहीं समझ पा रहे तो यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि स्कूल का माहौल सकारात्मक रख अभिभावक व स्कूल प्रबंधन बच्चों के विकास के बारे में सोचें। उन्होंने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह दी। स्कूल में भी गृह कार्य मोबाइल पर नहीं देने की बात कही गई। बच्चों को दोपहिया, चार पहिया वाहन न दें। उन्होंने बताया अब जो कड़ा कानून यातायात को लेकर आया है उसमें अभिभावकों को तीन माह तक की सजा का प्रावधान है। अब हम कड़ाई बरत रहे हैं। किसी को बख्शने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे जिस तरह हरकत कर रहे हैं वह समझाइश से दूर नहीं हो रही है, इस कारण मजबूरन ऐसे बच्चों को जेल तक भेजना पड़ रहा है। दुख की बात है बच्चों को अनुमति लेकर सुरक्षा के साथ परीक्षा देने स्कूल आना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति किसी भी बच्चे के साथ न आए, इसके लिए आप सभी अभिभावक और शिक्षक अपनी जिम्मेदारियां को समझें, बच्चों की मन: स्थिति को परखें। उन्होंने कई कानूनी जानकारियां दी और स्कूल प्रबंधन को सजग और सतर्क रहने कहा है। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. संजय गुहे ने कहा बच्चों की देखभाल करने की जिम्मेदारी बच्चों के स्कूल में रहते तक स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की है। इससे पहले बच्चों की जिम्मेदारी अभिभावकों की ज्यादा है। वर्तमान समय बहुत संक्रमण का है। बच्चे गलत दिशा में जा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया बच्चों को कई चीजें परोस रहा है। हमें बच्चों पर ध्यान देने की जरूरत है। यह स्थिति ही न आए कि प्रशासन को स्कूल के विरुद्ध और पुलिस को किसी के विरुद्ध कार्रवाई करने की नौबत आए। स्कूल प्रबंधन विभागों के साथ बच्चों से भी सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में शिक्षा व्यवस्था को जारी रखे। समिति के सदस्य पत्रकार अनंगपाल दीक्षित ने कहा कि अभिभावक अपनी जिम्मेदारियों को समझें। शहर में कहीं भी अनैतिक गतिविधि दिखे तो पुलिस को तत्काल सूचित करें। अधिवक्ता अभिषेक शर्मा ने भी अभिभावकों व शिक्षक, शिक्षिकाओं को संबोधित कर बच्चों पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है व कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
शिकायत पेटी का लिया जायजा
समिति के सदस्यों ने कार्मेल स्कूल में लगाई गई शिकायत पेटी का निरीक्षण किया। जिला शिक्षा अधिकारी डॉक्टर संजय गुहे ने शिकायत पेटी को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। स्कूल में शिकायत पेटी तो लगाई गई है किंतु सुझाव पेटी व शिकायत पेटी अलग-अलग लगा दी गई है, इसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि अलग-अलग पेटी न लगे। एक पेटी में ही दोनों चीजें बच्चें डालें यह व्यवस्था कराई जाए।
अभिभावकों ने कहा-होनी चाहिए कार्रवाई
कार्मेल स्कूल में जुटे अभिभावकों को जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुपलेश कुमार ने बताया कि बच्चों को वाहन किसी भी हाल में न दें। बच्चों पर तो बाद में कार्रवाई होगी पहले अभिभावकों पर कार्रवाई होगी। नए प्रावधान के अनुसार तीन माह तक की सजा भी है। इतना सुनते अधिकांश अभिभावकों ने कहा जरूर ऐसी कार्रवाई हो, तभी वे अभिभावक जो अपने बच्चों को दोपहिया, चार पहिया वाहन दे रहे हैं वे सचेत होंगे। बच्चों को मोबाइल नहीं देने की चर्चा हुई तो स्कूल प्रबंधन की ओर से बताया गया कि कोई भी शिक्षक या शिक्षिका बच्चों को मोबाइल के जरिए होमवर्क नहीं देते। स्कूल प्रबंधन ने इस पर पहले से ही प्रतिबंध लगाया है, इसलिए मोबाइल के माध्यम से स्कूल से होमवर्क बच्चे कर रहे हों यह आरोप गलत है। स्कूल प्रबंधन की ओर से नव नियुक्त प्राचार्य ट्रिसा सिस्टर ने भी अपनी बातें रखी। उन्होंने स्कूल में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाने, अभिभावकों के साथ मिल बैठकर चर्चा करते रहने की बात कही है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *