कृपामयी कृपा करो प्रणाम बार-बार है। दयामयी दया करो प्रणाम बार-बार है


शक्ति की आराधना के लिए सजा माता का दरबार, मंदिरों में प्रज्ज्वलित होंगे मनोकामना ज्योति कलश


अंबिकापुर। शारदीय नवरात्रि आज रविवार से शुरू होगी। ाहर में जगह-जगह भव्य पंडाल में मां दुर्गा विराजेंगी। वहीं शहर के मां महामाया मंदिर, मां दुर्गा शक्तिपीठ सहित अन्य देवी मंदिरों में नवरात्रि को लेकर रंग-रोगन व सजावट की पिछले कई दिनों से तैयारी चल रही थी, जिसे अंतिम रूप दिया गया। मां महामाया मंदिर में इस बार घी के दो हजार व तेल के तीन हजार कुल पांच हजार से अधिक ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। शारदीय नवरात्रि के आरंभ होने के साथ शुभ कार्य आरंभ हो जाएंगे। पखवाड़े भर पितृपक्ष के कारण शुभ व मांगलिक कार्यों पर विराम लगा था।
शारदीय नवरात्रि पर देवी मंदिरों में आज से भक्तों की खासी भीड़ उमड़ेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से शुरू है। महामाया मंदिर में मां के श्रृंगार के बाद भक्त दर्शन करना शुरू करेंगे। वहीं प्राण प्रतिष्ठा राजपुरोहित द्वारा विशेष पूजा-अर्चना के साथ की जाएगी। नवरात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने के मद्देनजर मंदिर समिति द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सुरक्षा के लिए पुलिस बल भी तैनात किए जाएंगे। सरगुजा पुलिस द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से हरसंभव जानकारी नवरात्रि के पूर्व मंदिर प्रबंधन से ली गई है। मंदिर के मुख्य पुजारी सहित अन्य सामूहिक मंत्रोच्चार के साथ ज्योति कलश प्रज्ज्वलित करेंगे। महामाया मंदिर के पुजारी रामू महराज ने बताया कि इस वर्ष पूरे नौ दिनों की नवरात्रि है। मां महामाया मंदिर के साथ ही शहर के गांधी चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर शक्तिपीठ, मां गायत्री मंदिर, पुलिस लाइन स्थित गौरी मंदिर, संत हरकेवल दुर्गा मंदिर, बाबूपारा, चोपड़ापारा रिंग रोड व जयस्तंभ चौक के पास स्थित मां काली मंदिर, मां कुदरगढ़ी मंदिर, लुचकी घाट स्थित काली मंदिर, केनापारा मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। गांधी चौक स्थित दुर्गा मंदिर में भी लगभग चार हजार से अधिक ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होंगे।
महामाया मंदिर में राजपुरोहित करेंगे प्राण प्रतिष्ठा
शहर के प्रसिद्ध मां महामाया देवी व समलेश्वरी देवी मंदिर में हर वर्ष परंपरानुरूप शारदीय नवरात्र के मौके पर अभिषेक करके मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की जाती है। मान्यता है कि इससे माता की मूर्ति को पूर्णता प्राप्त होती है और खंडित होने का दोष समाप्त होता है। पुरातन परंपरा अनुसार शारदीय नवरात्रि पर सरगुजा महाराज मां महामाया मंदिर में आकर पूजार्चना करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जागृत शक्तिपीठ के रूप में मां महामाया, सरगुजा राजपरिवार की अंगरक्षिका के रूप में पूज्य हैं।
पंडालों में विराजी मां दुर्गा
मां दुर्गा, काली की प्रतिमा स्थापित करने के लिए शहर में जगह-जगह भव्य पंडाल लगाए गए हैंं। इनकी सजावट को अंतिम रूप देने का काम देर रात तक चला। माता के भक्तों के द्वारा पूजार्चना में किसी प्रकार का दखल ना हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है। नवरात्र के पहले दिन से पंडालों में मां दुर्गा की पूजा शुरू हो जाएगी। पूजा समिति के सदस्य रैली की शक्ल में मां दुर्गा की प्रतिमाएं लेने पहुंचे और मूर्तियों को पूजा पंडाल में स्थापित किया।
निराश होकर लौटने की बनी नौबत
मां महामाया मंदिर के व्यवस्थापन कार्य में लगे भक्तों ने बताया कि यहां रखे जाने मनोकामना ज्योति कलश के दर में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। पिछले दो माह से ही घी और तेल के मनोकामना ज्योति कलश की बुकिंग के लिए भक्तों का आना हो रहा था। अखंड ज्योति कलश की बुकिंग पूर्ण हो चुकी है। इसके लिए लोगों को भटकना ना पड़े, इसे देखते हुए मंदिर परिसर में सूचना चस्पा किया गया है। शनिवार को कई भक्त मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश की बुकिंग के आस में मां महामाया मंदिर पहुंचे लेकिन इन्हें निराशा का सामना करना पड़ा।
सुबह 10 बजे होगी घट स्थापना
मां महामाया मंदिर में रविवार को सुबह साढ़े चार बजे मंदिर का पट खुल जाएगा। पांच बजे रोजाना की भांति मां महामाया की आरती होगी। दिन में 10 बजे राजपुरोहित के द्वारा घट स्थापना के साथ मंदिर के गर्भ$गृह में विशेष पूजा की जाएगी। भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है।
अधिकारियों ने लिया जायजा
शारदीय नवरात्रि के मौके पर मंदिरों में होने वाली भीड़ को देखते हुए शनिवार को जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम पूजा बंसल, पुलिस प्रशासन की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुपलेश कुमार, कोतवाली टीआई राजेश सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने मां महामाया मंदिर, मां समलाया मंदिर, मां दुर्गा मंदिर गांधी चौक सहित अन्य मंदिरों में पहुंच कर यहां एहतियात बतौर की गई व्यवस्थाओं का पूर्व जायजा लिया। मां महामाया मंदिर में 12 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसके बाद भी और कैमरों की जरूरत यहां महसूस की जा रही है ताकि भीड़भाड़ का फायदा उठाकर असामाजिक तत्वों और चैन स्नेचरों की सक्रियता ना रहे।

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