दुनियादारी की परवाह किये बिना जो निरंतर अपने लक्ष्य में लगता है, उसे ही मंजिल मिलती है: विवेक शुक्ला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

सरगुजा पुलिस एवं स्वैच्छिक संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में संचालित नवा बिहान नशा मुक्ति जागरूकता अभियान एवं परामर्श केन्द्र सरगुजा के द्वारा अंतराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय एवं सरस्वती महाविद्यालय अम्बिकापुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

अम्बिकापुर/सरगुजा पुलिस एवं स्वैच्छिक संगठनों के संयुक्त तत्वाधान में संचालित नवा बिहान नशा मुक्ति जागरूकता अभियान एवं परामर्श केन्द्र सरगुजा के द्वारा अंतराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय एवं सरस्वती महाविद्यालय अम्बिकापुर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम जो भी करें, जो भी लक्ष्य हो, उसे पाने के लिये हर प्रयास करना चाहिए, लक्ष्य के प्रति समर्पित व्यक्ति ही जीवन में कुछ कर पाता है। ठीक है लक्ष्य तक एक बार में नहीं पहुंचा जा सकता, किन्तु लगातार प्रयास से उसे पाना असंभव नहीं है। ईमानदारी पूर्वक मेहनत, स्पष्ट लक्ष्य, जोखिम उठाने का साहस, दुनियादारी की परवाह किये बिना अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण, लक्ष्य न मिलने की स्थिति में वैकल्पिक रास्ते ढूंढ कर रखना और जीवन में चाहे जिस भी स्थिति में हों, जो बन जायें, चाहे कितनी भी ऊंचाई पर पहुंच जायें, हमेशा मौलिक बने रहें। आप जमीन से जुड़े रहिये, ऐसा नहीं कि जब आप जीवन में कुछ अच्छा कर रहे हैं, बड़े आदमी बन गये, बड़े अधिकारी बन गये तो आपके रिश्तेदार, आपके दोस्त, आपके सहपाठी को ही आप भूल जायें और दूसरे नजरिये से देखने लगे। जो शुरू से थे वहीं हमारे साथ बने रहें, उनका सम्मान कीजिये, जैसा आपका व्यवहार पहले था वह हमेशा रहे, मतलब स्पष्ट है कि आप अपनी मौलिकता को बनाये रखिये। चाहे जितना धन, संपदा प्राप्त कर लें, लेकिन यदि कोई हमें पूछे ही नहीं, कोई माने ही नहीं, कोई मिले ही नहीं, लोग दूरी बना लें तो ऐसे धन, संपदा का क्या फायदा? अपने व्यवहार में हमेशा नरमी रखें, व्यवहार कुशल बनें, यही जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। आगे कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने अंतराष्ट्रीय युवा दिवस पर अपना संघर्ष एवं युवाकाल में कैसे क्या चलता है, लक्ष्य को लेकर कैसे असमंजस की स्थिति रहती है, घर-परिवार, समाज, मित्र सबका व्यवहार एवं माहौल कैसा रहता है, कैसे हम भटक जाते हैं और फिर सम्हलने की कोशिश करते हैं, अपने जीवन के संघर्ष के माध्यम से छात्र-छात्राओं को बताया। साथ ही नशा मुक्ति को लेकर चलाये जा रहे नवा बिहान अभियान को लेकर कहा कि यह केवल नशा मुक्ति के लिये नहीं है, पुलिस एवं आमजनों के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ाने को लेकर चलाया जा रहा एक कार्यक्रम है, जो आप सबके सहयोग से ही सफल होगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख विद्या दीदी ने कहा कि यह शरीर बहुत कीमती है, यदि रूपये के रूप में गिनती करें तो करोड़ों रूपये का है। जब यह करोड़ों रूपये का है तो फिर इसे नशा से क्यों बर्बाद करें। मानव जीवन एवं मानव शरीर की महत्ता को संक्षेप में समझाते हुए ब्रम्हकुमारी विद्या दीदी ने कहा कि हमें अपने जीवन में कुछ करना है, ऐसा करना है कि हमारे जाने के बाद भी नाम अमर हो जाये और यह तभी होगा, जब हम व्यस्नों से दूर रहेंगे, सकारात्मक कार्यों में अपनी ऊर्जा लगायेंगे। युवाओं को सम्बोधित करते हुए विद्या दीदी ने कहा कि कभी भी वह दोस्त नहीं हो सकता जो हमें नशा में धकेले, नशा करने के लिये प्रेरित करे, यदि ऐसा कोई है हमारे साथ जो इस तरह से व्यवहार करता है तो वह दोस्त या मित्र नहीं है। दोस्त या मित्र वह होता है जो हमारी गलतियों को सुधारने के लिये हमें प्रेरित करें, हमारी गलतियों पर तत्काल बोले। उन्होंने नशा नहीं करने एवं करने वालों को रोकने हेतु शपथ दिलाकर समाज को नशा मुक्त बनाने का संकल्प कराया।

डीएसपी शुभम तिवारी ने नशा के कारण समाज में बढ़ रहे अपराध पर संक्षेप में चर्चा करते हुए थानों तक नशा के कारण घटित हो रहे घटनाओं से पहुंच रहे अपराधिक मामलों पर छात्र-छात्राओं से चर्चा की। चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के मुख्य कार्यकारी समाजसेवी मंगल पाण्डेय ने नवा बिहान अभियान की अब तक के कार्य, सफलता एवं कार्य करने के तरीकों को छात्र-छात्राओं के बीच रखा तथा कहा कि जब आप हम पढ़े लिखें हैं तो जागरूक भी बनें, जागरूक वह होता है जो सिखता है समझता है, सिगरेट के डिब्बे पर सिगरेट पीने से कैंसर होता है लिखा है फिर भी हम पी रहे हैं तो ऐसे में आप और हम जागरूक नहीं हुए, केवल पढ़ने एवं लिखने से जागरूकता नहीं आती, उसे व्यवहार में उतारना पड़ता है। सामाजिक कार्यकर्ता एवं कवि संतोष दास ने ओजस्वी कविताओं के माध्यम से नशा मुक्ति नवा बिहान अभियान व युवाओं के तप व बल पर आधारित काव्य द्वारा सभागार को उत्सव के माहौल में बदल दिया। आर्ट ऑफ लिविंग के अजय तिवारी ने जीवन के मूल्यों पर चर्चा की तथा नशा से समाज में फैलने वाले दुष्प्रभावों पर बात की। सरगुजा साइंस ग्रुप एज्युकेशन सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अंचल ओझा ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं को अपने जरूरत को दृष्टिगत रखते हुए सकारात्मक दिशा में अपने सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ समाज परिवर्तन में भागीदारी सुनिश्चित करना चाहिए। शियती सोशल वेलफेयर सोसायटी की सुनिधी शुक्ला ने किशोरावस्था एवं युवावस्था में दोस्त, मित्र के साथ अचानक से शुरू होने वाले नशा को लेकर समाज में चल रहे वर्तमान प्रभाव पर चर्चा की।


इसके पूर्व मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीपप्रज्वलन कर अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम के समापन अवसर पर सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य श्रद्धा मिश्रा ने स्वीप कार्यक्रम सरगुजा के तहत 100 प्रतिशत मतदान करने को लेकर सभी को शपथ दिलाते हुए आभार प्रदर्शन किया एवं वंदेमातरम गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन मिथलेश गुर्जर ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीमती रानी रजक, उर्मिला यादव, प्रियालता जायसवाल, सुप्रिया सिंह, मिथलेश गुर्जर, प्रीति साहू, सुनीता राजपुरोहित, स्मिता सिन्हा, स्वाती शर्मा, अजीत सिंह परिहार, गोल्डन सिंह, सुन्दर राम, गंगा रानी पाल, शशिकला एक्का, शिवशंकर यादव, तपन कुमार, राकेश शर्मा, रजत तिर्की, अनिल मिश्रा, गुलशन कुमार का सराहनीय सहयोग रहा।

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