भारत सरकार अंग्रेजों के दिए गए शब्द इंडिया को हटाए


भारद्वाज महाभारत सीरियल में श्री कृष्ण का किरदार निभाए डॉ. नितिश भारद्वाज ने हमारी संस्कृति-हमारी पहचान कार्यक्रम का शुरुआत रामानुजगंज से किया

रामानुजगंज। संस्कार भारती के द्वारा नगर के गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए महाभारत सीरियल में श्री कृष्ण का किरदार निभाए डॉ. नितिश भारद्वाज ने लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा मैं कार्यक्रम में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से शामिल होने आया हूं। देश भर में हमारी संस्कृति-हमारी पहचान कार्यक्रम चलाया जाएगा, इसकी शुरुआत रामानुजगंज से हो रही है। हम सबको अपनी संस्कृति पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हम सबको नहीं भूलना चाहिए कि हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि 1999 में राजनैतिक सभा को संबोधित करने आपके जिले में आया था आज दूसरी बार संस्कार भारती के माध्यम से भारत का नागरिक होने के नाते जो मेरा कर्तव्य है उसे लेकर आप सबके बीच आया हूं। उस समय आने का उद्देश्य कुछ और था, अभी आने का उद्देश्य कुछ और है। हमारी संस्कृति-हमारी पहचान राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम का शुभारंभ रामानुजगंज की पावन धरा से हो रहा है। उन्होंने कहा भारत शब्द पर आपत्ति करने वाले भी भारत में उत्पन्न हो गए हैं। रामानुजगंज की पावन धरा से मैं मांग करता हूं भारत सरकार अंग्रेजों के दिए गए शब्द इंडिया को हटाए। उन्होंने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों का दिया हुआ है, यह बिल्कुल हटना चाहिए। इस मांग को पुरजोर तरीके से हर मंच पर उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा हमारी संस्कृति क्या है, हमारी सभ्यता क्या है, कैसे हमारी पहचान है, यह पुन: समाज के सामने रखना आवश्यक हो गया है। श्री कृष्ण का किरदार मैंने निभाया, जितना प्यार एवं सम्मान मुझे मिला। इसके बाद मेरी समाज में जवाबदारी भी बन जाती है, जिसे मैं पूरा कर रहा हूं। पत्रकार वार्ता के दौरान संस्कार भारती के राष्ट्रीय एवं प्रांत स्तर के पदाधिकारी एवं संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
श्री कृष्ण ने कहा है मैं भी सनातन हूं

नितीश भारद्वाज ने कहा कि सनातन शब्द को समझना जरूरी है। गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि मैं भी सनातन हूं। आत्मा भी सनातन है। समाज में जो अचेतन वर्ग है उसकी चेतना को पुन: जागृत करना है।
धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूं

श्री भारद्वाज ने कहा मैं धर्म परिवर्तन के खिलाफ हूं। मेरा कहना है कि आपकी अनुकंपा धर्म परिवर्तन के बाद ही क्यों जागृत होती है। जो धर्म परिवर्तन करते हैं मेरा उनसे कहना है कि पहले जंगल में जाएं और कुछ पशु-पक्षी का धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। उन्होंने कहा पशु-पक्षियों, प्राणियों, वन संपदा, प्रकृति सबका अपना धर्म है, उनमें से किसी एक का धर्म परिवर्तन करके दिखाएं। आपकी अनुकंपा मानवता के प्रति होनी चाहिए।
नितीश भारद्वाज के उद्बोधन ने मंत्रमुग्ध किया लोगों ने, नेताम भी हुए शामिल
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार नितीश भारद्वाज स्थानीय गांधी मैदान में मेरी संस्कृति-मेरी पहचान कार्यक्रम को जब संबोधित कर रहे थे तो हजारों लोगों ने मंत्रमुग्ध होकर उनका उद्बोधन सुना। श्री कृष्ण के किरदार में जिस प्रकार उन्होंने करोड़ों लोगों तक अपनी बात पहुंचाई उसी धारा प्रवाह शैली में जब बोलना शुरू किए तो लोग सिर्फ उन्हें सुनते रह गए। कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन संस्कार भारती के प्रदेश महामंत्री हेमंत मेहुलकर ने किया। कार्यक्रम के संयोजक अनूप तिवारी, सुनील गुप्ता, शैलेश गुप्ता, दिवाकर मुखर्जी रहे।
नितीश का 35 विभिन्न समाज प्रमुखों एवं सामाजिक संगठन ने किया सम्मान
मंच पर नितीश भारद्वाज के साथ 35 विभिन्न समाज के प्रमुख एवं सामाजिक संगठन के लोगों को जगह दी गई थी, इन्हें संस्कार भारती के द्वारा सम्मानित किया गया। समाज के लोगों व सामाजिक संगठनों के द्वारा भी नितीश भारद्वाज का सम्मान किया गया।
देवतुल्य बच्चों का पुष्प वर्षा के साथ आरती
कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चे राम, कृष्ण, सीता, हनुमान, राधा सहित अन्य के वेशभूषा में आए थे। इन बच्चों का पुष्प वर्षा के साथ आरती नितीश भारद्वाज के द्वारा किया गया। इस दौरान पूर्व मंत्री राम विचार नेताम, संस्कार भारती के जिला अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी, कार्यकारी अध्यक्ष अंजय मेहता सहित अन्य उपस्थित रहे।

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