नजूल अधिकारी, रीडर व आरआई की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज किया

पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने कहा पंजीबद्ध अपराध की प्रकृति गंभीर एवं अजमानतीय, आजीवन कारावास तक के दण्ड का प्रावधान

अंबिकापुर। शहर के बहुचर्चित जमीन घोटाले में शामिल तत्कालीन नजूल अधिकारी, रीडर व राजस्व निरीक्षक सहित अन्य की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी है। तीन शासकीय सेवकों ने प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जमीन से जुड़े प्रकरण के निराकरण का दावा करते हुए न्यायालय के समक्ष अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी। न्यायालय ने अपराध की प्रकृति को देखते हुए अग्रिम जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 मार्च को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने कहा कि मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के द्वारा विचारणीय है, किंतु पंजीबद्ध अपराध की प्रकृति गंभीर एवं अजमानतीय है। इसके लिए आजीवन कारावास तक के दण्ड का प्रावधान है। केस डायरी में संलग्न दस्तावेजों से यह परिलक्षित है कि आपराधिक षड्यंत्र कर शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना कर अविधिक रूप से बहुमूल्य शासकीय भूमि का अवैध अंतरण एवं विक्रय करने के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य संग्रहण किया गया है। प्रारंभिक जांच में आवेदक, अभियुक्तगण को शासकीय सेवक के रूप में पदीय कर्तव्य के निर्वहन के विपरीत अवैधानिक रूप से उपरोक्त अपराधिक षड्यंत्र में संलिप्त रहने के संबंध में साक्ष्य संग्रहित है। प्रकरण में विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है एवं साक्ष्य संग्रहण किया जाना शेष है। आवेदक/अभियुक्तगण से भी व्यक्तिगत रूप से साक्ष्य संग्रहण की आवश्यकता होना परिलक्षित है। ऐसे में आरोपित अपराध की गंभीर प्रकृति, संग्रहित साक्ष्य एवं प्रकरण की उपरोक्त परिस्थिति को दृष्टिगत रखते हुए आवेदक/अभियुक्तगण राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो एवं नजूल रीडर अजय कुमार तिवारी की ओर से प्रस्तुत अग्रिम जमानत आवेदन अंतर्गत धारा 438 दप्रसं स्वीकार करने योग्य यह उपयुक्त मामला दर्शित नहीं होता है। अत: आवेदक/अभियुक्तगण द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त अग्रिम जमानत आवेदन अंतर्गत धारा-438 दप्रसं अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है।
भू-माफियाओं से साठगांठ का यह है मामला
राजमोहनी देवी भवन के पीछे स्थित लगभग सवा 4 एकड़ गोचर मद की भूमि को राजस्व के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भू-माफियों से सांठगांठ कर बंसू आ. भटकुल के नाम दर्ज करा कौड़ियों के दाम पर बेचा था। मामले में प्रशासन के साथ-साथ पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन की शिकायत पर गांधीनगर थाना में 12 मार्च 2024 को आरआई नारायण सिंह आ. रामविशाल सिंह 57 वर्ष निवासी गंगापुर खुर्द अंबिकापुर, आरआई राहुल सिंह प्रतापपुर नाका, अंबिकापुर, तत्कालिन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो आ. स्व. करलूस टोप्पो 54 वर्ष (सीईओ जिला पंचायत कोंडागांव) व नजूल रीडर अजय तिवारी आ. कमलकांत तिवारी 51 वर्ष निवासी चोपड़ापारा अंबिकापुर के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया। गांधीनगर पुलिस ने मामले में अपराध क्रमांक 127/2024 अंतर्गत धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
कलेक्टर न्यायालय में अगली सुनवाई 21 मार्च को
तहसीलदार (नजूल) अंबिकापुर एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अंबिकापुर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के अनुसार नमनाकला, अंबिकापुर स्थित शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 रकबा 1.710 हे. (4.22 एकड़) भूमि सरगुजा सेटलमेंट में गोचर मद की भूमि है। इसे अनियमित पट्टा और विधिक प्रावधानों के विपरीत अनावेदक बंसू ने अपने नाम पर कराते हुए उक्त शासकीय नजूल भूमि में से कई व्यक्तियों को विक्रय कर दिया है। इसमें अनावेदक सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार शामिल हैं। इससे शासन को शासकीय भूमि की क्षति हुई है। प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा प्रकरण को छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा 50 के तहत पुनरीक्षण में ग्राह्य कर सुनवाई किया जा रहा है। इस प्रकरण की कलेक्टर कोर्ट में 14 मार्च को सुनवाई हुई। अगली सुनवाई की तिथि 21 मार्च 2024 तय की गई है।
जमीन घोटाला के आरोपी नीलम टोप्पो मंत्रालय अटैच
सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के अवर सचिव क्लेमेन्टीना लकड़ा ने 16 मार्च को एक आदेश जारी करते हुए बहुचर्चित जमीन घोटाले के आरोपित, कोंडागांव के सीईओ नीलम टोप्पो को मंत्रालय रायपुर में आगामी आदेश तक पदस्थ किया है। इनके द्वारा जमीन घोटाले के बहुचर्चित मामले में अपराध दर्ज होने के बाद न्यायालय में जमानत याचिका भी लगाया था, जिसे न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है।

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