पेशेवर रक्तदाताओं पर कसा लगाम, नि:स्वार्थ रक्तदान के लिए जिला अस्पताल बना मिसाल


जरूरतमंद के स्वजन व रक्तदाता की बेहतर काउंसलिंग से खून के बदले मिल रहा खून

अंबिकापुर। मानव जीवन में रक्त की महत्ता उस समय सामने आती है, जब कोई जीवन-मौत के बीच संघर्ष करता है। ऐसे क्षणों में कई ऐसे रक्तदाता बेझिझक नि:स्वार्थ भाव से रक्तदान करने में पीछे नहीं हटते हैं। वहीं पेशेवर रक्तदाता रक्तदान-महादान के ध्येय को तिलांजली देकर मौके का फायदा उठाने में पीछे नहीं रहते। ऐसे अवसर का अनुचित लाभ उठाने की मंशा रखने वालों पर नकेल कसने राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला अस्पताल प्रबंधन व ब्लड बैंक प्रभारी की कोशिश रंग लाई है। पेशेवर रक्तदाताओं को अब अनुचित लाभ उठाने का अवसर नहीं मिलता है, इसके पीछे कारण किसी जरूरतमंद मरीज के स्वजन व रक्तदाता की बेहतर काउंसलिंग और खून के बदले खून देने से घबराने वाले स्वजन को दी जाने वाली समझाइश है। ब्लड बैंक में रक्त की निरंतरता बनी रहे, इसके लिए कई रक्तदाता ऐसे हैं, जो वक्त पड़ने पर जटिल से जटिल ग्रुप का खून किसी मरीज की जान बचाने के लिए देने से नहीं हिचकते हैं। वहीं रक्तदान के लिए जागरूकता लाने के लिए ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. विकास पांडेय व उनकी टीम के द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले प्रयास को भी नकारा नहीं जा सकता है। बड़ी बात यह है इस अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रबंधन ने जागरूक रक्तदाताओं का संकलन कर पांच हजार लोगों के नाम व मोबाइल नंबर के साथ एक डायरेक्टरी तैयार की है, जिनसे संपर्क करके जरूरतमंदों को जटिल परिस्थिति में रक्त उपलब्ध कराने की पहल होने लगी है। अच्छी बात यह है कि ऐसा कोई मामला डायरेक्टरी में इंद्राज रक्तदाता पता चलने पर स्वस्फूर्त रक्तदान करने अस्पताल पहुंच जाते हैं। इन्हें इससे वास्ता नहीं रहता कि खून किसका जीवन बचाने के लिए देना है।
गुरूद्वारा के ज्ञानीजी व महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक ने डोनेट किया बी निगेटिव रक्त
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मेडिकल कॉलेज संबद्ध जिला अस्पताल और होलीक्रॉस अस्पताल में भर्ती दो मरीजों को बी निगेटिव रक्त की जरूरत थी। काफी प्रयास के बाद भी स्वजन उक्त समूह के रक्तदाता को तलाश नहीं पाए, ऐसे में इनका सहारा अस्पताल का ब्लड बैंक बना। बी निगेटिव ग्रुप का रक्त ब्लड बैंक में उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में इन्होंने ब्लड बैंक की डायरेक्ट्री को खंगाला और जिला अस्पताल में भर्ती कैंसर से पीड़ित एक मरीज के लिए बी निगेटिव रक्त की जरूरत बताते हुए गुरूद्वारा श्री गुरू सिंघ सभा में ही रहने वाले ज्ञानीजी देवेंद्र सिंह 36 वर्ष से रक्तदान करने का आग्रह किया। इसके बाद वे अस्पताल पहुंचे और नि:संकोच कैंसर से पीड़ित देव सिंह 25 वर्ष के लिए रक्तदान-महादान के ध्येय को साकार किया। इस मरीज के लिए तीन यूनिट रक्त की जरूरत थी। हीमोग्लोबिन की मात्रा सात ग्राम होने के कारण इसके उपचार में बाधा की स्थिति बन रही थी। इसके पहले भी ब्लड बैंक प्रबंधन की ओर से उक्त मरीज के लिए दो यूनिट रक्त की व्यवस्था की गई थी। इसी क्रम में होली क्रॉस अस्पताल में सिकलसेल के मरीज रोबिन कुमार रवि 25 वर्ष को बी निगेटिव रक्त की जरूरत थी। इसके शरीर में 6 से 7 ग्राम खून था। रक्त की व्यवस्था नहीं होने पर इसके लिए जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में संपर्क किया गया। ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. विकास पांडेय ने स्टॉक में उक्त ग्रुप के रक्त की अनुपलब्धता को देखते हुए मरीज की जीवनरक्षा के लिए पहल की और उक्त ग्रुप का खून डोनेट करने के लिए सरस्वती शिक्षा महाविद्यालय, (बीएड) में पदस्थ सहायक प्राध्यापक मिथलेश कुमार गुर्जर 35 वर्ष से संपर्क किया। उन्होंने रक्तदान के लिए हामी भरी, जिससे होली क्रॉस अस्पताल में भर्ती मरीज के स्वजन राहत की सांस लिए। अस्पताल प्रबंधन की ओर से रक्तदान जैसे पुनीत कार्य में सहयोग के लिए इनका आभार वयक्त करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
विश्व रक्तदान ड्राइव: अंतर्राष्ट्रीय संगठन वी लव यू के 69 लोगों ने किया स्वैच्छिक रक्तदान
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संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग का अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन वी लव यू फाउंडेशन भी रक्तदान में आगे रहा है। रविवार को इन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 657वीं बार विश्व रक्तदान ड्राइव का आयोजन किया, जिसमें 69 लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान किया। इस मौके पर अतिथि कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता, महापौर डॉ. अजय तिर्की, कांग्रेस महासचिव द्वितेंद्र मिश्रा ने रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया। डॉ. तिर्की ने कहा शिविर में लड़कियां ब्लड डोनेट कर रही हैं, यह पूरे समाज के लिए एक अच्छा संदेश देने वाला है। जिसे कोई बीमारी ना हो, कभी भी रक्तदान कर सकता है, जिससे लोगों की जान बचती है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या ने कहा अभी हमारे पास लगभग 200 यूनिट रक्त स्टॉक में है। रक्त संग्रहण की क्षमता 500 यूनिट करने की है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. रमनेश मूर्ति ने कहा कई बार मरीजों को बैगर एक्सचेंज के रक्त देना पड़ता है। इस तरह का आयोजन जरूरतमंदों के लिए वरदान से कम नहीं है। फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया विश्व रक्तदान ड्राइव एक वैश्विक जीवन बचाने का आंदोलन है, जिसे वी लव यू फाउंडेशन ने 2004 में कोरिया में शुरू किया था, इस वर्ष फाउंडेशन अपना 20वां वर्षगांठ मना रहा है। इस वर्ष भी कोरिया, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पेरू, पाकिस्तान और जिम्बाब्वे सहित दुनिया भर के देश इसमें एक साथ भाग लेंगे। इस अवसर पर दुर्गेश गुप्ता, नगर पालिक निगम के प्रोग्रामर रितेश सैनी सहित फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित थे।

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