नालों की सफाई सही नहीं होने से बरसात में आमजनों को हो रही परेशानी, आज़ाद संघ ने ज्ञापन सौंपा


अंबिकापुर। शहर में बनी अवर्षा की स्थिति ने पहले लोगों को हलाकान किया, पहले अगस्त से शुरू हुई झमाझम बारिश चार दिन क्या हुई, शहर की नाला और सड़कों पर जमा होते पानी की सुगंध वाली तस्वीरें सामने आईं। नाली जाम होने के कारण गंदा पानी कचरों के साथ सप्ताहांत पर लगाया गया। इसकी साज़मोज़ा और गाड़ियाँ को पोस्ट किया जा रहा है। यह समस्या शहर के किसी एक हिस्से की नहीं, पूरे शहर और वार्डों की सड़कों तक है। नालों की मंजूरी और इसमें कचरों का अंबार होने से बारिश का पानी तक नहीं पहुंच पा रहा है। कई अलग-अलग नालियाँ खुली हुई हैं, जहाँ पर अमीर लगे हुए हैं और कई मोहल्लों और वार्डों में टूटे हुए टुकड़े भी हैं, जहाँ बजबजाती नालियाँ और दुर्गन्ध लोगों ने मुहाल कर दिया है। सड़कें नदी का रूप ले रही हैं। शहर के गुरुनानक वार्ड, गौरी वार्ड एवं वार्ड के सबसे बड़े कॉलेज राजीव गांधी चर्च के सामने (बनारस चौक), सत्तीपारा, जिले के अस्पताल के सामने से सीएम के कार्यालय मार्ग को मिलाने वाली रोड, पुराने बस स्टैंड के पास सहित अन्य दुकानें, टोलों के दरवाजे और नालों के दुर्गति का पोल चार दिन की बारिश में खुला है। गांधी स्टेडियम के पीछे गेट के पास बड़ी नाली है, जिसके ऊपर कोई नजर नहीं आता, इसमें कचरे का जाम मलबा किसी को नजर नहीं आ रहा है। शहर में ऐसे धर्मशालाओं को न्युता दे रहे हैं। बेरी आइड-मैकोड से होने वाली हानि का अनाया डर अलग बनी रहती है। इस मुद्दे को लेकर पूर्व में भी गैर राजनीतिक दल आजाद सेवा संघ द्वारा निगमायुक्त को निर्देशित किया गया था, लेकिन सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। पुन: शहरवासियों की परेशानी को देखते हुए संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा के नेतृत्व में नगर निगम आयुक्त को तीन-तीन करोड़ नालों में सफाई एवं प्लास्टरिंग पाउडर के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साथ ही खुली नालियाँ को ढकने की पहली मांग की गई है। नवपदस्थ नगर निगम के आयुक्त ने तत्काल कार्रवाई का प्रस्ताव रखा है।

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