सरगुजा की आकांक्षा के मातांतरण को लेकर पलामू में मामला गर्म, हिन्दू संगठनों में आक्रोश

अम्बिकापुर/छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले की बहु एवं सरगुजा की बेटी आकांक्षा के मातांतरण को लेकर झारखण्ड में मामला तुल पकड़ता जा रहा है। झारखण्ड के मिडिया में यह मामला लगातार तुल पकड़ा हुआ है, हिन्दू संगठनों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद, श्रीराम सेना, परशुराम सेना सहित कई संगठनों के प्रमुखों ने गांव गुरहा के मुखिया, उसके पति व पंचायत सेवक के विरूद्ध कारवाई की मांग करते हुए मार्च निकाला है, जिसमें विधायक शषिभूषण मेहता के नेतृत्व में शहर के मुख्य मार्ग होते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक रैली के शक्ल में मार्च पहुंचा। मामले में पांकी विधायक कुशवाहा व डॉ.शशिभूषण मेहता ने रविवार को प्रशासन को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद बताया गया कि कार्यवाही भी हुई और पुलिस ने आकांक्षा और साजिद दोनों को अलग-अलग कस्टडी में लिया। सरगुजा निवासी आकांक्षा मिश्रा का विवाह सूरजपुर निवासी नितिन गुप्ता के साथ हुआ था। बताया जा रहा है कि जून महिने में बीएड का एग्जाम देने वो भिलाई गई हुई थी, जिसके बाद उसका मोबाईल बंद हो गया और जब कहीं पता नहीं चला तो 24 जून को सूरजपुर थाने में आकांक्षा के लापता होने का मामला दर्ज कराया गया।


इस बीच पुरा मामला तब खुला जब 2 अगस्त को गुरहा के मुखिया सबा फिरदौस खान की ओर से भेजा गया एक पत्र मिला जिसे नोटिस कहा जा सकता है, आकांक्षा के पिता को मिला, इसमें लिखा गया था कि उनकी लड़की ने मातांतरण कर गुरहा निवासी मो. साजिद से निकाह कर लिया है। इस मामले में वे एक महिने के अंदर अपना पक्ष रखें। बताया जा रहा है कि चिट्टी पांच जुलाई को साईन की गई है, जबकि इसे 25 जुलाई को स्पीड पोस्ट किया गया था। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि निकाह के लिये साजिश रची गई थी। पुरे मामले को लेकर झारखण्ड में हिन्दू संगठनों में काफी आक्रोश है तथा इस कृत्य में शामिल सभी लोगों पर कठोर कार्यवाही की मांग की गई है।

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