पीजी कॉलेज के विधि विभाग द्वारा बी.सी.आई. द्वारा दी गई जानकारी, अब यहां के छात्र जगत में कहीं भी कर सकते हैं फ़ायदेमंद


महाविद्यालय परिवार ने बेटकर व केक विध्यालय आनंद का परिचय दिया

अंबिकापुर। पीजी कॉलेज अंबिकापुर के विधि विभाग को बी.सी.आई. ने सिद्धांत दे दिया है। काउंसिल ऑफ इंडिया की काउंसिल ऑफ इंडिया की एक बैठक में अब यहां के छात्रों को यूनिवर्सल में कहीं भी प्रैक्टिस कर सकेंगे। 15 दिसंबर को राजीव गांधी संग्रहालय संग्रहालय, अम्बिकापुर के विधि विभाग द्वारा बी.सी.आई. द्वारा बताए गए विवरण के अनुसार, कॉलेज परिवार ने 15 दिसंबर, 2019 को एमबीए कॉलेज, अंबिकापुर के विधि स्नातक उत्सव मनाया। (इलाबी) की पढ़ाई वर्ष 1972 से संचालित है। कॉलेज द्वारा विधि स्नातक पाठ्यक्रम की बी.सी.आई. से संबद्ध वर्षों से प्रयास किया जा रहा था। साल 2014 से इसके लिए काफी प्रयास जारी थे। सरगुजा विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद विश्वविद्यालय के बार काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्धता नहीं होने के कारण अंतर्संबंध में बाधा आ रही थी। वर्ष 2016 में पहली बार सरगुजा विश्वविद्यालय द्वारा बी.सी.आई. से संबद्ध आवेदन किया गया था। इसी क्रम में इसी वर्ष कॉलेज द्वारा बीसीआई को 24 लाख 50 हजार रुपये का भुगतान किया गया, इसके बाद अनुमोदन का मार्ग प्रशस्त हुआ। बीसीआई की टीम ने जून 2019 से जुलाई 2023 तक दो बार विधि विभाग का निरीक्षण किया था। इसके पूर्व भी सी.आई.बी. ने कई बार निरीक्षण का समय दिया था, अंतिम समय पर निरीक्षण का समय दिया गया था। जुलाई 2023 में इंवेस्टिगेशंस के चर्च ऑफ एजुकेशन, बी.सी.आई. से नियमित संपर्क कर सहयोगी द्वारा सभी आवश्यक दस्तावेजों को भेजा गया। काउंसिल बार ऑफ इंडिया की सैद्धांतिक समिति द्वारा गहन निरीक्षण के बाद अंत: 14 दिसंबर 2023 को जारी किया गया। विधि विभाग के अंतर्गत संचालित विधि स्नातक (इलाबी) पाठ्यक्रम से संबंधित संबंधित पत्र जारी किया गया है। आनंद विधि विभाग परिसर में कार्यशाला, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, विभाग के शिक्षक और छात्र-छात्रों की उपस्थिति में केक विभाजित किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला डॉ. रिज़वान उल्ला, विधि विभाग के विभागाध्यक्ष ब्रजेश कुमार, स्वशासी प्रभारी नियंत्रक डॉ. राजकमल मिश्रा, डॉ. रमेश उपकरण, डॉ. अनिल सिन्हा, माधवेन्द्र तिवारी, डॉ. इंजिनियरिंग, डॉ. महेंद्र मौर्य, डॉ. मिलेन्द्र सिंह, डॉ. युवा राय, पंकज अहिरवार, देव प्रकाश दुबे, पूनम सोनवानी, मोहन कश्यप सहित विधि विभाग के छात्र- विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।

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