मानव मुक्ति के लिए प्रभु यीशु के बलिदान का दिन है गुड फ्राइडे-बिशप

महागिरिजाघर में भक्तिमय माहौल में हुए विविध आयोजन

अंबिकापुर। मसीही समाज पवित्र सप्ताह गुडफ्राइडे को यीशु को क्रूसित कर सूली पर चढ़ाये जाने के दिन को याद कर भक्ति आराधना में लीन हैं। संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के नवापारा स्थित बेदाग इशमाता महागिरिजाघर में गुड फ्राइडे के अवसर पर परंपरागत ढंग से विविध धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुए। पवित्र शुक्रवार के दिन बिशप अंतोनिस बड़ा, फादर विलियम उर्रे व पल्ली पुरोहित फादर जार्ज ग्रे कुजूर की अगुवाई में सभी धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए। आज के दिन ही राजा पिलातयूस ने प्रभु यीशु को मृत्यु दण्ड की सजा सुनाकर यीशु के ही कंधे पर क्रूस लादकर उन्हें कलवारी पहाड़ ले जाने का आदेश दिया था और उन्हें सूली पर चढ़ा दिया था। प्रभु यीशु ने जिस तरह दुखभोग किया, उन्ही पलों को याद करके दोपहर दो बजे से क्रूस रास्ता कार्यक्रम बिशप हाउस फादर्स व उर्सुलाइन सिस्टर्स की अगुवाई में हुआ।
बिशप ने पवित्र शुक्रवार विशेष धर्मविधि के अनुष्ठानों को संपन्न कराते हुए कहा कि आज का दिन मानव मुक्ति के लिए प्रभु यीशु के बलिदान का दिन है। यीशु ने तो अपना शरीर व रक्त भी हमें समर्पित कर हमारी मुक्ति के रास्ते खोल दिए। पवित्र आत्मा हमें प्रेरणा देता है। प्रभु हमें अयोग्य होने पर भी कितना चाहते हैं। उनके क्रूस बलिदान से हमें मुक्ति मिली है। उनके रक्त से संपूर्ण जगत सिंचित है। जब हम समाज के तिरस्कृत, पिछड़े, गरीब लोगों के पास जाते हैं तो हम उनमें येसु को देखते हैं। ईश्वर के अनोखे प्रेम की यही विशेषता है कि वह हमें अयोग्य होने पर भी प्यार करते हैं। अनजाने में ही सही येसु को क्रूस पर चढ़ा कर उन्हें सताने वालों ने ईश्वरीय योजना को पूरा करने में मदद की। संपूर्ण मानव जाति के पापों के प्रायश्चित के रूप में अपना बलिदान चढ़ाया और ईश्वर से हमारा मेल कराया। इस दौरान पवित्र बाइबिल से दो पाठ का वाचन युवा संघ केअनुप टोप्पो व अंजली एक्का के द्वारा किया गया। प्रभु येशु के दुखभोग कथा का वाचन सेंट जेवियर समुदाय ने कर उन पलों को स्मरण किया। बीच-बीच में भक्तिमय गीतों की मनमोहक प्रस्तुति संत अन्ना सिस्टर्स की टीम भक्तों के बीच माहौल को दुख भोगमय बना रही थी। इस अवसर पर राजेन्द्र तिग्गा, बीरेंद्र टोप्पो, जगजीत मिंज, अजय अरुण मिंज, डॉ. युगल कुजूर, भानु खलखो फादर अविरा, फादर अमृत टोप्पो, फादर कल्यानुस, फादर अनुरंज, फादर मुक्ति, फादर पीटर, संत अन्ना सिस्टर्स, होलीक्रास सिस्टर्स, उर्सुलाइन सिस्टर्स व बड़ी संख्या में मसीहिजन उपस्थित थे।

इसलिए कहते हैं गुड फ्राइडे
पिलातयुस ने अन्याय पूर्वक प्रभु यीशु को प्राण दंड की सजा सुनाया… उनके अपने चेलों ने ही विश्वासघात किया… यूजस ने उन्हें शत्रु के हाथ भेज दिया… उसी का चेला पेत्रुस तीन बार सजा से इंकार कर दिया… रोमन शासक प्रशासक व सैनिक अपशब्द कहकर उनकी खिल्ली उड़ा रहे थे… उन्हें कोड़ों से भी मारा गया… क्रूस पर भी लटका दिया गया… फिर भी इस दिन को गुड फ्राइडे इसलिए कहते हैं क्योंकि यही वह दिन है, जिस दिन प्रभु येशु अपने स्वर्गीय पिता की मानव मुक्ति की योजना को पूरा करते हैं, निश्चय ही यह बड़ा बलिदान है।

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