विभिन्न समाज के लोग अंबिकापुर-रेणुकूट रेलमार्ग के समर्थन में आगे आए


भारत के प्रधानमंत्री व केंद्रीय रेलमंत्री के नाम प्रेषित किया पत्र

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ से रेणुकूट उत्तर प्रदेश रेल लाइन जोड़ने निकली पदयात्रा के बाद इनकी मांग को समर्थन देने का सिलसिला नहीं थमा है। सिर्फ विधायक, सांसद नहीं बल्कि विभिन्न समाज के लोग अपने संगठन के माध्यम से इस आवाज को केंद्रीय रेल मंत्रालय तक पहुंचाने में लगे हैं। सभी इस रेल लाइन की उपयोगिता से केंद्रीय रेल मंत्री को जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं। पदयात्रा के मुख्य सूत्रधार मुकेश तिवारी का मानना है जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रेणुकूट से पदयात्रा निकाली गई है वह सार्थक होगी। उन्होंने बताया अभी तक गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा अंबिकापुर के अध्यक्ष, कायस्थ सभा सरगुजा के अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के सचिव मंगल पांडेय, कुर्मी समाज के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, छत्तीसगढ़ बंग समाज कल्याण समिति से दिलीप धर, रामू घोष आदिवासी उरांव समाज उमेश्वर प्रजापति, शौंडिक समाज सरगुजा के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद गुप्ता, कल्चुरी सेवा समिति के अध्यक्ष उमेश जायसवाल, सर्व ब्राह्मण समाज सरगुजा के संरक्षक सत्येंद्र तिवारी, सर्व यादव समाज सरगुजा के अध्यक्ष देवनारायण यादव सहित अन्य ने पूरे समाज व संगठन की ओर से इस रेलवे लाइन के समर्थन में पत्र केंद्रीय रेल मंत्रालय को पत्र भेजा है। जन-जन की आवाज रेल मंत्रालय तक पहुंचना मात्र इस रेल मार्ग की उपयोगिता को सामने ला रहा है।
विभिन्न समाजों की ओर से प्रेषित किए गए समर्थन पत्र में उल्लेख किया गया है कि सरगुजा संभाग और इससे लगे उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में कोयला बॉक्साइट जैसे खनिज संसाधनों का विपुल भंडार है। घने वन संपदा से आच्छादित यह क्षेत्र वर्षों से रेल मार्ग की सुविधा से वंचित रहा है। इस रेल लाइन को जोड़ने के लिए सैकड़ों बार आवाज उठाई गई। भारत सरकार व प्रधानमंत्री से आग्रह किया गया है कि उत्तर भारत के रेणुकूट और छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण योजना को साकार किया जाए। इस रेलमार्ग के जुड़ने से भारतवर्ष के बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केंद्र अयोध्या काशी से लेकर जगन्नाथ पुरी तक की तीर्थ यात्रा बहुत आसान हो जाएगी। इस मार्ग से जुड़े पिछड़े, उपेक्षित और गरीब क्षेत्र के लोगों को शिक्षा, व्यवसाय के नए अवसर मिलेंगे। गरीब मरीजों को कम खर्च पर स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा मिल सकेगी। बड़ी आबादी के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक समरसता का विस्तार होगा। विश्वास व्यक्त किया गया है कि भारत के प्रधानमंत्री व रेलमंत्री आजादी के बाद से उपेक्षित इन क्षेत्रों को रेल लाइन से जोड़ने की पहल में देरी नहीं करेंगे। अंबिकापुर से रेणुकूट रेल मार्ग का जुड़ाव सरगुजा संभाग के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा।

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