धारा – 66ए(66A) के निरस्त होने के बाद भी 1,307 मुकदमे – आईटी एक्ट : सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में जो धारा खत्म कर दी, उसमें दर्ज हो रहे केस, कोर्ट ने कहा – यह भयानक व आश्चर्यजनक

सूचना – प्रोद्योगिकी अधिनियम ( आईटी एक्ट ) की धारा – 66ए(66A) के 2015 में निरस्त होने के बाद भी इसके तहत 11 राज्यों में 1307 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने छह साल बाद भी इसके इस्तेमाल पर कहा, यह चौकने व परेशान करने वाला, भयानक और आश्चर्यजनक है। पीठ ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश देते हुए दो हफ्ते बाद विचार करने का निर्णय किया है।

जस्टिस आरएफ नरिमन की तीन सदस्यीय पीठ ने प्रावधान के दुरूपयोग को उजागर करने वाले गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के आवेदन पर नोटिस जारी किया। याचिका के मुताबिक, वर्ष 2015 में जब धारा – धारा – 66ए(66A) निरस्त हुईं थीं, तब इस धारा के तहत 11 राज्यों में 229 मामले लंबित थे। पीठ ने कहा, धारा – 66ए(66A) को अब भी नागरिकों के खिलाफ आपत्तिजनक ऑनलाइन पोस्ट के लिए उपयोग किया जा रहा है, जबकि वर्ष 2015 में श्रेया सिंघल मामले में इसे निरस्त कर दिया गया था।

पीठ ने कहा- हम इस पर कुछ करेंगे

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजय पारीख ने कहा, जिला अदालतों में एक हजार से अधिक मामले अब भी चल रहे हैं, जिनमें आरोपी व्यक्तियों पर धारा – 66ए(66A) के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, शीर्ष अदालत के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कोई तरीका होना चाहिए। लोग पीड़ित हैं। जवाब में पीठ ने कहा, हम इस पर कुछ करेंगे।

वेणुगोपल ने सुनवाई के दौरान सुझाव दिया कि कोष्ठक में इसका उल्लेख किया जाना चाहिए कि धारा को हटा दिया गया है। तब सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि पुलिस नीचे नहीं देख पा रही?

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *