कांग्रेस के त्रिवर्षीय शासनकाल में 39 हजार आदिवासी शिशुओं, 900 गर्भवती माताओं की मौत


पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने कहा-भूपेश सरकार पिछले साढ़े चार वर्षों में आदिवासी समुदाय की भावनाओं के साथ कर रही खिलवाड़

अंबिकापुर। भाजपा कार्यालय संकल्प भवन में पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ आदिवासी नेता विष्णुदेव साय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के केवल तीन वर्षों में लगभग 39 हजार आदिवासी शिशुओं (मुख्य रूप से बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के) ने अपनी जान गंवाई और 900 गर्भवती माताओं को प्रसव के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी, जिसका मुख्य कारण बढ़ा हुआ रक्तचाप था। उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस राज में एनीमिया के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर पहुंचा, इसके लिए कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया? उन्होंने कहा कांग्रेस की भूपेश सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में आदिवासी समुदाय को केवल वोट बैंक समझकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी वर्गों की घोर उपेक्षा की है और उनके हितों पर कभी ध्यान नहीं दिया, जबकि भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए हमेशा तत्पर रही है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए भाजपा ने सकारात्मक कार्य किए हैं। भाजपा सरकार ने वर्ष 2011 में अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 20 प्रतिशत से बढ़ा कर 32 प्रतिशत किया। कांग्रेस आज भी इस मामले में सिर्फ राजनीति कर रही है।
विष्णुदेव साय ने आगे कहा कि भाजपा ने काम करने के साथ आदिवासियों को उनका अधिकार दिया था। प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण दर को सन 2003 में 450 रुपये से बढ़ाकर 2018 में 2,500 रुपये कर दिया। यह वृद्धि कुल 455.55 प्रतिशत की रही। उन्होंने आगे कहा कुपोषण से जूझ रहे आदिवासी समाज के लिए वैश्विक प्रसिद्धि अर्जित करने वाली सार्वजनिक वितरण प्रणाली स्थापित कर गरीब परिवारों को एक रुपये और दो रुपये प्रति किलो की दर पर प्रति माह 35 किलो चावल का वितरण किया गया। भाजपा की सरकार ने घनी आदिवासी आबादी वाले संभाग बस्तर व सरगुजा में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाया और आदिवासी जीवन को पुन: शांति की दिशा दी। प्रयास आवासीय विद्यालय खोलकर लाखों आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतियोगी परीक्षा जैसे नीट और आईआईटी व जी की तैयारी कराई गई। कई बच्चे इन परीक्षाओं में सफल हुए और अपने सपनों की राह पर चल पड़े हैं। बस्तर में मुख्यत: आदिवासी बच्चों की शिक्षा पर जोर देने के लिए एजुकेशन सिटी व लाइवलीहुड कॉलेज बनाए गए। प्रदेश और देश के लिए आज ये व्यवस्था एक मॉडल है, जिसने समाज को विकास की राह दिखाई है। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना अंतर्गत 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी वाले 4,029 गांव को 386.16 करोड़ की राशि विकास कार्यों के लिए दी गई। महामहिम द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के चुनाव में आगे कर भाजपा ने सुनिश्चित किया कि आदिवासी समाज की एक महिला देश के सर्वोच्च पद पर हों। आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को उचित सम्मान देते हुए भाजपा की सरकार ने 15 नवंबर, बिरसा मुंडा की जन्म तिथि को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। केंद्र की भाजपा सरकार ने गत दो वर्ष में 23 अलग-अलग जनजातियों के साथ दशकों से हो रहे अन्याय को रोका और उन्हें अनुसूचित जनजातियों की सूची में डालकर उनका उचित अधिकार दिलाया। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की आय में वृद्धि करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने राज्य में 139 वन धन विकास केंद्र खोले। इन केंद्रों के माध्यम से लघु वनोपज की मूल्य वृद्धि कर लाखों आदिवासी बाजार से जुड़े। प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल सिंह मेजर, आदिवासी नेता एवं पूर्व सांसद कमलभान सिंह, जिला महामंत्री अभिमन्यु गुप्ता, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष फुलेश्वरी सिंह, पूर्व विधायक विजयनाथ सिंह, संतोष दास, रूपेश दुबे, पूरन टेकाम, संतोष द्विवेदी सहित अन्य उपस्थित रहे। स्वागत उद्बोधन जिला मंत्री और आदिवासी युवा नेता इंदर भगत ने दिया।
भाजपा ने कांग्रेस से किए नौ सवाल

  • 39 हजार बच्चों के मौत का जिम्मेदार कौन, अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहींं?
  • कांग्रेस राज में एनीमिया के मामले में छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर पहुंचा कोई ठोस कदम नहीं उठाया क्यों?
  • आदिवासी छात्रों के कुल नामांकन में प्रतिवर्ष लगभग एक लाख नामांकन की कमी क्यों?
  • भाजपा सरकार द्वारा आदिवासी बच्चों के लिए खोले गए प्रयास आवासीय विद्यालय जर्जर क्यों?
  • तेंदुपत्ता की कम खरीदी एवं कम भुगतान क्यों?
  • आदिवासियों की आजीविका के स्त्रोत जमीनों पर कब्जा क्यों?
  • आदिवासियों की संस्कृति छीनकर धर्मांतरण का खेल खेलने वालों को सरकार का संरक्षण

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