जाने बिहार पंचायत चुनाव में क्यों हो सकती है एक माह की देरी

पंचायत चुनाव की तैयारी देश के दो बड़े राज्यों बिहार और यूपी में लगभग एक साथ शुरू हुई। लेकिन एक तरफ जहां पंचायत चुनाव के लिए यूपी में घोषणा हो चुकी है वहीं दूसरी तरफ तैयारी होने के बावजूद अब भी बिहार में पेच फंसा हुआ है। ईवीएम को लेकर फंसे पेंच की वजह से बिहार में अब तक अधिसूचना जारी नहीं की जा सकी है। ऐसे में आशंका है की प्रदेश में पंचायत चुनाव अप्रैल अंत तक टल सकता है।

आपको बता दे की, पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम से चुनाव कराने का फैसला लिया है। ऐसे में ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने की सहमति बिहार सरकार द्वारा दे दी है और साथ ही ईवीएम खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर फंड भी आवंटित कर दिया। लेकिन ईवीएम से चुनाव की सहमित भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से नहीं मिली। ईवीएम की खरीद के लिए राज्य चुनाव आयोग ने ईवीएम निर्माता कंपनी को प्रस्ताव भी दे दिया है किंतु ईवीएम की आपूर्ति भारत निर्वाचन आयोग से ईवीएम की आपूर्ति को लेकर नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी नहीं किए जाने की वजह से नहीं हो पा रही है।

यह मामला अब हाईकोर्ट में है और इसकी अगली सुनवाई 6 अप्रैल को होगी । राज्य और भारत निवार्चन आयोग को हाईकोर्ट ने इससे पहले आपसी सहमति से फैसला लेने की सलाह दी थी, लेकिन इस पर कोई नई पहल अब तक नहीं हो सकी है। इसी कारण अब तक बिहार पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं हो पा रही है।

आपको बता दें कि वर्तमान पंचायतीराज संस्थाओं का कार्यकाल बिहार में जून 2021 को समाप्त होने वाला है। ऐसे में मुखिया,सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और जिला परिषद सदस्यों सहित सभी छह पदों के करीब 2 लाख 58 हजार पदों के लिए 10 चरणों में चुनाव कराए जाने का फैसला लिया गया है। इस बार इसके लिए ईवीएम से बिहार में पहली बार चुनाव कराया जाना है। आयोग के मुताबिक मल्टीपोस्ट ईवीएम की आपूर्ति की जानी है।

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