नई निजता नीति : फेसबुक – व्हाट्सएप को राहत नहीं, हाई कोर्ट में सीसीआई की जांच के खिलाफ याचिका ख़ारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हाट्सएप की नई निजता नीति की जांच करने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ( सीसीआई ) के आदेश के खिलाफ दायर फेसबुक व व्हाट्सएप की याचिकाओं को बृहस्पतिवार को ख़ारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा, आयोग ने जांच का आदेश देते हुए अपना क्षेत्राधिकार नहीं बढ़ाया है, न आयोग के निर्णय में क्षेत्राधिकार को लेकर कोई खामी है। फेसबुक और व्हाट्सएप द्वारा इसे चुनौती देना गलत समझ पर आधारित है।
जस्टिस नवीन चावला ने सुनवाई के दौरान कहा, सीसीआई के लिए व्हाट्सएप की नई निजता नीति के खिलाफ उच्चतम न्यायलय और दिल्ली उच्च न्यायलय में दायर याचिकाओं के परिणाम की प्रतीक्षा करना विवेकपूर्ण होगा, लेकिन ऐसा न करने से नियामक का आदेश विकृत या अधिकार क्षेत्र को कम करने वाला नहीं होगा। आयोग ने 24 मार्च को आदेश में कहा था कि व्हाट्सएप की नई निजता नीति की जांच होनी चाहिए।

यह है मामला : व्हाट्सएप ने नीति जारी करते हुए अपने यूजर्स को अनिवार्य रूप से इसे स्वीकार करने को कहा है। पहले इसकी डेडलाइन आठ फरवरी रखी गई थी। तब कहा था कि जो लोग इसे स्वीकार नहीं करते है, उनके व्हाट्सएप अकाउंट डिलीट कर दिए जाएगे। लेकिन काफ़ी विरोध और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में याचिकाए दायर होने के बाद व्हाट्सएप ने नीति को टाल दिया। बाद में, फिर से जारी करते हुए नई नीति स्वीकार करने की समय अवधि 15 मई तक के लिए बढ़ा दी। अब भी वह यूजर्स को धमका रहा है कि 15 मई तक जो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे उनका व्हाट्सएप अकाउंट डिलीट कर दिया जाएगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई हो रही है। आयोग ने नई नीति से यूजर्स का डाटा भारी मात्रा में संग्रह व लक्षित विज्ञापन के लिए लोगों की लगातार निगरानी का अंदेशा जताया था।

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