अमेरिका में अश्वेत महिलाओं के समूह नेशनल काउंसिल ऑफ़ नीग्रो वुमन ने जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। आरोप है कि कंपनी ने यह जानते हुए भी कि उसके पाउडर से कैंसर उतपन्न हो सकता है, धोखेबाजी भरी मार्केटिंग कर इसे अश्वेत महिलाओं को बेचने पर जोर दिया।
काउंसिल के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन ने नस्लीय मानसिकता के साथ अमेरिका की अश्वेत महिलाओं को पाउडर व संबंधित उत्पाद बेचे। उसे पता था कि यह उत्पाद अश्वेत महिलाएं इस्तेमाल तो कर सकती है लेकिन अगर उन्हें बीमारियां हुईं तो बाकी महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा मुश्किलें झेलनी होंगी। अमेरिका में अश्वेत महिलाओं को जल्द चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पाती, अधिकतर का स्वास्थ्य बीमा भी नहीं होता।
काउंसिल की प्रवक्ता वांडा टिडलाइन ने कहा कि उन्हें 2012 में ओवेरियन कैंसर हुआ जबकि उनके परिवार के इतिहास में किसी को यह बीमारी नहीं थी। वे कई सालों से जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर इस्तेमाल कर रहीं थीं क्योंकि कंपनी अपने विज्ञापनों में इसे सुरक्षित बताती रही है। गौरतलब है कि जॉनसन एंड जॉनसन पहले से 25,000 मुकदमे अपने पाउडर और इससे जुड़े उत्पादों की वजह से झेल रहा है। आरोप है कि इन उत्पादों की वजह से ओवेरियन कैंसर व मेसोथेलियोमा जैसी बीमारियां महिलाओं को हुईं।
सलून से लेकर चर्च तक अश्वेत महिलाएं ही टारगेट
आरोप है कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी द्वारा अश्वेत महिलाओं को 1992 से ही लक्ष्य बनाकर ज्यादा से ज़्यादा मात्रा में पाउडर बेचने की कोशिश होती रही। कंपनी के अंदरूनी संवादों में इन महिलाओं को ऐसा अवसर बताया गया जिन्हें वे अपने उत्पाद बड़ी मात्रा में बेच सकते हैं। महिलाओं को सलून से लेकर चर्च और संगीत कार्यक्रमों से लेकर रेडियो के विज्ञापनों तक में पाउडर बेचने की कोशिश की गई। एक खास विज्ञापन का जिक्र किया गया जिसमें 18 से 49 वर्ष की अश्वेत महिलाओं के लिए यह पाउडर बेहद खास माना गया।