अंबिकापुर। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी दो शासकीय अधिवक्ताओं की राज्य सरकार ने छुट्टी कर दी है, इनमें एक अतिरिक्त लोक अभियोजक हेमंत तिवारी हाल में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के करीबी प्रवीण गुप्ता को जिला अधिवक्ता संघ के चुनाव में पराजित कर अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। जिला अधिवक्ता संघ निर्वाचन के कुछ दिन बाद ही राज्य शासन द्वारा की गई इस कारवाई को कांग्रेस की गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है।
राज्य सरकार के विधि विधायी विभाग के अतिरिक्त सचिव ने जिला एवं सत्र न्यायालय अंबिकापुर में लोक अभियोजक वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष सिंह व अतिरिक्त लोक अभियोजक हेमंत तिवारी को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है। आदेश में इसका कोई कारण तो उल्लेखित नहीं किया गया है किंतु दोनों अधिवक्ताओं को शासकीय अधिवक्ता के पद से हटाए जाने को लेकर चर्चा सरगर्म है। शासकीय अधिवक्ता संतोष सिंह व हेमंत तिवारी दोनों ही वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार प्रदेश में आने के बाद नियुक्त हुए थे, 2021 में इनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था, तब से अभी तक वे अपने कार्यों का संपादन कर रहे थे। इस बीच जिला अधिवक्ता संघ का चुनाव हुआ और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी शासकीय अधिवक्ता हेमंत तिवारी ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। चुनाव में उनका सामना अधिवक्ता प्रवीण गुप्ता से होना था, जो तत्कालीन अधिवक्ता संघ अध्यक्ष होने के साथ ही खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के करीबी माने जाते हैं। चुनाव में प्रवीण गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा। अधिवक्ता संघ चुनाव के बाद हुई इस कार्रवाई को कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। जिला एवं सत्र न्यायालय में अब तक जितने भी शासकीय अधिवक्ता बनाए गए, उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। पहली बार ऐसी स्थिति बनी है कि बीच में ही दो प्रमुख शासकीय अधिवक्ताओं को बीच हटा दिया गया है। इसे लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय के अधिवक्ताओं के बीच बहस भी छिड़ गई है। इन्हें शासकीय पदीय दायित्व से मुक्त करने के पीछे एक कारण पिछले दिनों जनजाति समाज के सरहुल पर्व में शामिल होने आए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात के लिए बेहतर व्यवस्था नहीं करने अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हेमंत तिवारी द्वारा लगाए गए आरोप को भी माना जा रहा है।
भाजपा नेता ने भी की थी शिकायत
वरिष्ठ पार्षद व भाजपा नेता आलोक दुबे ने शासकीय अधिवक्ता संतोष सिंह पद का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत तीन फरवरी 2022 को कलेक्टर सरगुजा से की थी। इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भी भेजी गई थी। शिकायत में भाजपा नेता ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी होने का जिक्र भी किया था, वहीं भूमि संबंधी मामले को लेकर भी शिकायत की थी।