स्वास्थ्य मंत्री का 15 मिनट में जांच रिपोर्ट देने वाले हमर लैब की खुलने लगी पोल मरीजों और उनके स्वजनों को कई प्रकार की दिक्कतों का करना पड़ रहा सामना जांच रिपोर्ट में विभागाध्यक्ष की जगह टेक्नीशियन का रहता है हस्ताक्षर


अंंबिकापुर। वाहवाही बटोरनेे प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव का जांच रिपोर्ट 15 मिनट में उपलब्ध कराने वाले हमर लैब की पोल शुरूआती दौर में ही खुलने लगी है। राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला रघुनाथ चिकित्सालय में सरगुजा संभाग के पहले अत्याधुनिक हमर लैब का उद्घाटन एक सप्ताह पहले छह फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री ने किया था। इस दौरान उन्होंने ब्लड सैंपल देकर जांच कराया, उन्हें 15 मिनट में जांच रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध करा दी गई थी। इसके साथ ही लैब में एक छत के नीचे 134 प्रकार की जांच सुविधा मिलने की बात कही गई, जो ढोल में पोल साबित हो रही है। जांच सुविधाएं शुरू होने के बाद से मरीजों व उनके स्वजनों को कई प्रकार की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है। जांच कराने व रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पूर्व की तरह भटकने की नौबत बन रही है। यहां पदस्थ कर्मचारियों की लापरवाही आए दिन सामने आ रही है। सैंपल लेने के बाद किसी का सैंपल नहीं मिल रहा है तो किसी का जांच रिपोर्ट। मरीजों की जांच रिपोर्ट पर विभागाध्यक्ष के मैन्युअल या कंप्यूटराइज्ड हस्ताक्षर की जरूरत भी यहां के कर्मचारी महसूस नहीं कर रहे हैं। टेक्नीशियन के हस्ताक्षर से जारी रिपोर्ट मरीजों को थमा दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आयुष्मान अधोसंरचना मिशन के तहत इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेटरी, हमर लैब की स्थापना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं सीडीसी अटलांटा के संयुक्त तत्वावधान में राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला रघुनाथ चिकित्सालय परिसर में लगभग सवा करोड़ रुपये की लागत से की गई है। हमर लैब को एक जगह व्यवस्थित करने का मकसद मरीज को सैंपल जांच, रिपोर्ट के लिए भटकना न पड़े है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से आनन-फानन में पुराने उपकरणों के साथ हमर लैब का उद्घाटन की तिथि तय कर दी थी, इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लैब का उद्घाटन किया है। सवा करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी इस अत्याधुनिक लैब में पुराने ढर्रे पर ही काम चल रहा है। सैंपल जांच कराने के लिए भटकने से आज भी निजात नहीं मिला है। समय पर मरीजों को जांच रिपोर्ट नहीं दी जा रही है। लापरवाही के बाद एक-दूसरे पर टरकाने की प्रवृत्ति बनी हुई है। जांच रिपोर्ट लेने के लिए जब मरीज या उनके स्वजन पहुंचते हैं तो गैर जिम्मेदाराना तस्वीर सामने आती है।
प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं ले रहे सैंपल
हमर लैब में सैंपल लेने का काम पैथोलैब की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के भरोसे है। हाल में देखने को मिला कि एक महिला का सैंपल लेने के लिए तत्समय लैब में मौजूद प्रशिक्षु विद्यार्थी जगह-जगह सिरिंज लेकर नस का पता लगाने जोर-आजमाइश करते रहे। इनके साथ किसी जानकारी के नहीं होने के कारण ऐसे हालात सामने आ रहे हैं।
अगले दिन मिल रही मैन्युअल रिपोर्ट
हमर लैब की स्थापना के बाद यहां की प्रक्रिया ऑनलाइन व कंप्यूटराइज होने की बात कही गई थी। देखने को यह मिल रहा है कि आज भी मरीजों की जांच रिपोर्ट मैनुअल मिल रही है। रिपोर्ट भी अगले दिन मिल जाए तो बहुत है। नहीं तो पुन: सैंपल देने के लिए कहा जाता है। अगर ऐसे ही हालात बने रहे तो लैब के काउंटर में लगने वाली भीड़ के बीच समय की ही बर्बादी ही होगी।

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