सार्वजनिक वितरण प्रणाली की 572 दुकानों से 45 हजार क्विंटल चावल गायब शासकीय दुकानों के 3.80 करोड़ रुपये का चावल खुले बाजार में बेच डाला सेल्समैनों ने 47 रुपये प्रति किलो के भाव से 21.15 करोड़ रुपये की होनी है वसूली खाद्य विभाग के नोटिस का नहीं मिला संतोषप्रद जवाब


अंबिकापुर। अंबिकापुर शहरी क्षेत्र सहित संपूर्ण सरगुजा जिला के दुकानों से साढ़े चार करोड़ रुपये के चावल की अफरा-तफरी का आरोप लगाते हुए महाराणा प्रताप वार्ड क्रमांक 6 के पार्षद आलोक दुबे ने सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार को शिकायत पत्र सौंपा है और जिले के सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों में हुए गड़बड़झाला की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने बताया है कि जिले के ग्रामीण अंचल की 511 दुकान एवं शहरी क्षेत्र के 61 दुकानों में माह फरवरी-मार्च 2023 में शिकायत पर खाद्य विभाग ने सभी दुकानों के चावल स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया तो सनसनीखेज पर्दाफास हुआ कि 15 मार्च 2023 की स्थिति में इन सभी 572 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से करीब 45 हजार क्विंटल चावल गायब है। इस चावल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान चलाने वाले सेल्समैनों, दुकान चलाने वाले समूहों के द्वारा खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेच दिया गया है, इस कारण मार्च 2023 में शत-प्रतिशत दुकानों में ताला लग गया और सेल्समैन दुकान बंद करके फरार हैं। आम उपभोक्ताओं को फरवरी-मार्च 2023 में अपने कोटे का चावल नहीं मिल पा रहा है। इस तरह सरगुजा जिले में शासकीय दुकानों के तीन करोड़ 80 लाख रुपये का चावल खुले बाजार में बेच कर सेल्समैन द्वारा अफरा-तफरी की गई है।
पार्षद आलोक दुबे ने कहा है कि अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में संचालित 61 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों की जांच में पांच हजार क्विंटल चावल गायब मिला है, जो लगभग 50 लाख रुपये का होता है। 40 हजार क्विंटल चावल का स्टॉक में गायब होने के प्रमाण मिलने के बाद समस्त दुकानों के सेल्समैनों में हड़कंप मचा है। इन सेल्समैनों से 24 मार्च 2023 तक गायब चावल को दुकान में लाकर स्टॉक मेंटेन करने का अल्टीमेटम खाद्य विभाग के अधिकारियों ने लिखित में दिया है, किंतु आज दिनांक तक पांच प्रतिशत सेल्समैन के द्वारा भी बेचे गए चावल को सोसायटी में वापिस नहीं किया गया, न ही खाद्य अधिकारी सरगुजा के पत्रों का कोई संतोषप्रद जवाब दिया। इसके पीछे कारण है खाद्य अधिकारी ने अपने पत्र में इन सभी सेल्समैनों, समूहों के द्वारा दुकान संचालित करने वाले लोगों को जो गायब चावल को जमा करने अल्टीमेटम दिया है, उसमें यह तथ्य भी उल्लेखित है कि सेल्समैनों को दुकान से गायब चावल का प्रति किलो वसूली पैनल रेट लगभग 47 रुपये प्रति किलो की दर से वसूल किया जाएगा, जो संपूर्ण 40 हजार क्विंटल का करीब 18 करोड़ 80 लाख रुपये होता है और शहरी क्षेत्र के 61 दुकानों का 5 हजार क्विंटल चावल का रिकव्हरी रेट 2 करोड़ 35 लाख रुपये होता है, जो इनके द्वारा जमा करना असंभव है। उन्होंने कहा है कि 80 प्रतिशत जिले एवं अंबिकापुर के सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानों को कांग्रेस समर्थित कार्यकर्ता संचालित कर रहे हैं। प्रशासन इन पर जांच करने पर घबरा रही है। उन्होंने मांग किया है कि तत्काल इस सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकान का निरस्त कर तत्काल नए सिरे से इन दुकानों को आबंटित कर संचालित कराने की अनुशंसा की जाए।

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