साइबर क्राइम तकनीकि उपकरण पर आधारित क्राइम-आईजी साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन प्रशिक्षण को लेकर आयोजित 10 दिवसीय शिविर संपन्न


अंबिकापुर। सरगुजा पुलिस के तत्वाधान में आयोजित 10 दिवसीय साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। प्रशिक्षण से साइबर क्राइम के मामलों के निराकरण व विवेचना में मदद मिलेगी। इस दौरान डार्क वेब, ओलेक्स, बैंक फ्रॉड, फ्रेंचाइजी, साइबर फ्रॉड में एविडेंस कलेक्शन पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया। नेशनल पुलिस एकेडमी से आए प्रशिक्षकों ने समापन अवसर पर सरगुजा पुलिस के द्वारा किए गए बेहतर प्रबंधन हेतु पुलिस अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया। प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षार्थियों को मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार सरगुजा एवं बिलासपुर रेंज के पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को 10 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर साइबर क्राइम के मामलों में बेहतर विवेचना, एविडेंस कलेक्शन एवं तकनीकि जानकारियों के बारीकी गुणों से अवगत कराया गया, साथ ही साइबर क्राइम के बढ़ते हुए प्रभाव को कम करने एवं आम नागरिकों में जागरूकता के माध्यम से साइबर क्राइम की घटनाओं को रोकने प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया था। साईं बाबा आदर्श महाविद्यालय के सभाकक्ष में आयोजित प्रशिक्षण के समापन समारोह में सरगुजा एवं बिलासपुर रेंज से आए पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र एवं नेशनल पुलिस एकेडमी से आए प्रशिक्षकों को मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र देकर पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज व पुलिस अधीक्षक ने सम्मानित किया और कहा कि वर्तमान समय में साइबर क्राइम की बेसिक एवं एडवांस लेवल की महत्वपूर्ण जानकारी प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान की गई, जो ऐसे अपराधों को रोकने में कारगर साबित होगी।
समापन समारोह के दौरान पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा साइबर क्राइम तकनीकि उपकरण पर आधारित क्राइम है, इसके माध्यम से आम नागरिकों को आर्थिक, मानसिक नुकसान होता है। वर्तमान में घटित गंभीर मामलों में कहीं न कहीं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग किया जाता है। ऐसे क्राइम को डिटेक्ट एवं निवारण करने के लिए अपडेट होने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस प्रशिक्षण के माध्यम से तकनीकि ज्ञान बढ़ेगा, साथ ही डार्क वेब जैसे मामलों की रोकथाम कैसे की जाए, इसके लिए क्या आवश्यक कदम उठाए जाएं, इसे लेकर आप सभी को स्वयं जागरूक होकर आम नागरिकों को जागरूक करने का प्रयास करना होगा। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की, प्रशिक्षण पूरे जिले एवं राज्य के लोगों के लिए लाभदायक साबित होगा। पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि इंटरनेट नेटवर्क से कई ऐप आम लोगों के प्राइवेट डाटा लेकर कई प्रकार से अनाधिकृत इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे कई मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। हम किन संबंधित एजेंसी के माध्यम से आरोपी के संबंध में डाटा प्राप्त कर सकते हैं इस पर विशेष ध्यान देना होगा। भ्रामक विज्ञापन के आड़ में धोखाधड़ी करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। आरोपी जब भी कोई साइबर क्राइम करता है तो वह कहीं ना कहीं कुछ डिजिटल फुट प्रिंट छोड़ता है, उस पर तत्काल कार्रवाई करने की अवश्यकता होती है। इस प्रशिक्षण से एक पॉजिटिव इम्पैक्ट आएगा, जिसका असर सीधा अपराध नियंत्रण में किया जा सकेगा। उन्होंने कहा प्रशिक्षण के माध्यम से अब हमारे अधिकारी-कर्मचारी पहले से ज्यादा तकनीकि जानकारी से लैस होंगे, जिससे हमें साइबर क्राइम के मामलों में त्वरित सफलता प्राप्त होगी। समापन अवसर पर सरगुजा पुलिस द्वारा पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ एवं नेशनल पुलिस एकेडमी के विशेष प्रशिक्षण शिविर के आयोजन के लिए आभार प्रकट किया एवं साइबर अपराधों के निराकरण में प्रशिक्षण कार्यशाला के महत्वपूर्ण योगदान होने की बात कही।

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