येशु उद्धार व मुक्ति के लिए पुनर्जीवित हो उठे और हमारे बीच आए


अंबिकापुर। येशु उद्धार व मुक्ति के लिए ही पुनर्जीवित हो उठे और हमारे बीच में आए। उक्त बातें पुण्य गुरुवार को संध्याकालीन कार्यक्रम के दौरान अंबिकापुर धर्म प्रांत के धर्माध्यक्ष बिशप अंतोनी बड़ा ने कही। उन्होंने कहा पूरा मसीही समाज चालीसा उपवास के भक्ति, आराधना में लीन है। पुण्य गुरुवार के दिन ही ईशा मसीह ने संध्या भोज के पूर्व अपने 12 चेलों के पैर धुलाकर उन्हें अपना तन व रक्त समर्पित किया, जो परम प्रसाद के रूप में मसीही ग्रहण करते हैं। आज जिन 12 चेलों के पैर इस मसीह ने धुलवाए वो ही प्रथम पुरोहित बने, आज के दिन ही पुरोहिताई संस्कार की स्थापना भी हुई। आज की रात ईशा के एक चेले ने धोखे से राजा पिलातुयूस को सिपाही के हवाले किया और ईशा मसीह का दुखभोग प्रारंभ हुआ है। उन्हीं पलों को याद कर मसीही समाज आराधना मे डूबेे हुए हैं।
शाम 6 बजे से नवापारा स्थित महागिरिजाघर में धर्माध्यक्ष बिशप अंतोनी बड़ा, व्हिकर जनरल विलियम उर्रे व पल्ली पुरोहित फादर जार्ज ग्रे कुजूर की अगुवाई में समस्त धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हुए। फ्रांसिस केरकेट्टा व सोसन गुलाब के द्वारा बाइबिल पाठ का वाचन किया गया। आस्था के मुताबिक बिशप ने 12 चेलों के पैर धुलाए और पवित्र सक्रमेन्ट का जुलूस कार्यक्रम हुआ। रात्रि 8 बजे से इन कार्यक्रमों के बाद आराधना प्रारंभ हुई। इसमें सभी पारा, टोला व संस्थानों के द्वारा पारी-पारी से अपनी प्रस्तुति दी गई। बीच-बीच में भक्तिमय गीतों की मनमोहक प्रस्तुति फा. पीटर खेस, फा. सुशील लकड़ा, फा. मुक्ति लकड़ा व संत अन्ना सिस्टर्स बिरनी बेड़ा की टीम ने भक्तों के बीच माहौल को दुख भोगमय बना रही थी। इस अवसर पर महापौर डॉ. अजय तिर्की, पूर्व महापौर प्रबोध मिंज, काथलिक सभापति राजेन्द्र तिग्गा, बीरेंद्र टोप्पो, डॉ. रोजलिन, पंकज कुजूर, जगजीत मिंज, मुन्ना टोप्पो, अजय अरुण मिंज, प्रवीण मिंज, मोना केरकेट्टा, भानु खलखो, फा. अमृत टोप्पो, फा. अनुरंजन सहित काफी संख्या में मसीहीजन उपस्थित थे।

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