अंबिकापुर। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लुण्ड्रा व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा को बेहतर काम के लिए क्रमश: कायाकल्प योजना व आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत राज्य में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव द्वारा 13 अप्रैल को राजधानी रायपुर में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में प्रमाण पत्र व शील्ड से सम्मानित करते हुए पीएचसी लुण्ड्रा को पुरस्कार स्वरूप एक लाख रुपये का चेक प्रदान किया। कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य हेतु राज्य के सर्वश्रेष्ठ जिला कार्यक्रम प्रबंधक का पुरस्कार सरगुजा जिला के डॉ. पुष्पेंद्र राम व राज्य के सर्वश्रेष्ठ शहरी कार्यक्रम प्रबंधक का पुरस्कार डॉ. अमीन फिरदौसी को मिला। सर्वश्रेष्ठ अस्पताल सलाहकार का पुरस्कार सरगुजा संभाग अंतर्गत जशपुर जिला के अस्पताल के सलाहकार राजेश कुरील को दिया गया। जिला अस्पताल की श्रेणी में अस्पतालों को मिले पुरस्कार से सरगुजा संभाग अछूता रहा।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लुण्ड्रा को शासकीय अस्पतालों में सफाई प्रबंधन, रोग नियंत्रण, भवन एवं परिसर सौंदर्यीकरण, रोग सेवा में सुधार, स्वच्छ भारत मिशन का क्रियान्वयन, स्वच्छ अस्पताल योजना में किए गए कार्यों के आधार पर वर्ष 2022-23 के लिए प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र की श्रेणी में व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा को आयुष्मान भारत योजना के बेहतर क्रियान्वयन में प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। कायाकल्प योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीतापुर व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर परसोड़ी को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। दोनों अस्पतालों को प्रदेश स्तर पर प्रथम पुरस्कार मिलने पर कलेक्टर कुन्दन कुमार सहित जिले के जनप्रतिनिधियों ने बधाई दी है। राज्य स्तरीय कायाकल्प पुरस्कार समारोह में सीजीएमएससी के अध्यक्ष डॉ. प्रीतम राम, स्वास्थ्य विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान और सीजीएमएससी के प्रबंध संचालक चंद्रकांत वर्मा मौजूद थे।
संभाग के इन अस्पतालों को भी प्रथम पुरस्कार
राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में सरगुजा संभाग के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के जनकपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को प्रथम पुरस्कार मिला। उप स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के खजूरी उप स्वास्थ्य केंद्र और सूरजपुर जिला के जूर उप स्वास्थ्य केंद्र को प्रथम पुरस्कार, सूरजपुर के डेडरी उप स्वास्थ्य केंद्र को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया। अंबिकापुर के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवापारा, नवागढ़ व सामुदायिक स्वास्थ केंद्र सीतापुर को सांत्वना पुरस्कार मिला।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर विशेष जोर-बघेल
स्वच्छ अस्पताल योजनांतर्गत चयनित अस्पतालों को पुरस्कार वितरित कर उनके बेहतर प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बधाई व शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर विशेष जोर दिया जा रहा है, जिससे सुगम इलाज की सुविधा मिल सके, यही वजह है कि शासकीय अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढऩे लगा है। राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को आम जनता तक पहुंचाना, स्वास्थ्य अधोसंरचना को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता है। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के समय कई तरह की चुनौती के दौर से गुजरने के बाद भी ऐसे संकट के दौर में प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों, डॉक्टरों, स्टॉफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता की सेवा की, जो एक मिसाल है।
दुर्गम व पहुंचविहीन क्षेत्रों तक पहुंच रही स्वास्थ्य सेवा
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य अमले ने कोरोना काल में खतरों और चुनौतियों के बीच अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी पूर्ण किया। पिछले कुछ वर्षों में शासकीय अस्पतालों में स्वच्छता को प्राथमिकता में लेकर इस पर खास ध्यान दिया जा रहा है। अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण के लिए अच्छी अधोसंरचना, उपकरण, दवाइयां और पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विभाग के समर्पित स्टॉफ दुर्गम और पहुंचविहीन क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचा रहे हैं.
ऐसे किया गया पुरस्कार विभाजन
जिला अस्पताल की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 50 लाख रुपये और द्वितीय पुरस्कार के रुपये और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपये प्रदान किए गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे दोनों अस्पतालों को दो-दो लाख रुपये, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में दो लाख रुपये और द्वितीय पुरस्कार के रूप में डेढ़ लाख रुपये, उप स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाले अस्पतालों को एक-एक लाख रुपये और द्वितीय पुरस्कार के विजेता अस्पताल को 50 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई।