मछली पकडऩे गए पानी में डूबने से पिता-पुत्री की मौत,18 घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम ने दोनों के शव को पानी से निकाला

अंबिकापुर/उदयपुर। सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र में पिता-पुत्री की तालाब में डूबने से मौत हो गई। दोनों मछली पकडऩे तालाब में गए थे। मृतक के दो बच्चे इनके साथ थे, लेकिन वे सूखे रास्ते से चल रहे थे। पल भर में इनकी नजरों के सामने बहन और पिता जलमग्न हो गए। बेटी को बचाने की हरसंभव कोशिश पिता ने की, लेकिन वह न तो खुद को बचा पाया और ना ही बेटी बच पाई। एसडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार की सुबह 18 घंटे बाद पिता-पुत्री के शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के सुपुर्द किया। दु:खद घटना से गांव में मातम का माहौल है।
जानकारी के मुताबिक उदयपुर विकासखंड के ग्राम जरहाडीह का रामू 40 वर्ष अपनी आठ वर्षीय पुत्री कान्शी के साथ मछली मारने घर से लगभग एक किलोमीटर दूर जंगल किनारे स्थित खालमुड़ा दोपहर 12 बजे के करीब गया था। मछली मारने मृतक रामू का बेटा विनोद 10 वर्ष, आंशी 05 वर्ष भी साथ गए थे। बड़ी बेटी मांशी 15 वर्ष घर पर ही थी। दोपहर एक से दो बजे के बीच मछली मारने के बाद रामू ने अपनी एक बेटी कान्शी को पीठ में उठ लिया और पानी के बीचों-बीच पार होने लगा। मृतक रामू ने बेटा विनोद तथा बेटी आंशी सूखे रास्ते व मेड़ की ओर से घर जाने के लिए कहा। पानी में लगभग 30 मीटर दूर जाने पर पीठ में सवार बच्ची पानी में पहले डूबने लगी और अपने भाई को बचाने के लिए गुहार लगाई, विनोद अपने पिता को छोटी बहन को बचाने चिल्लाया, जिस पर रामू ने कह पैर फंस गया है। विनोद ने पुन: पिता को वापस आने कहा तो रामू ने कहा पैर कीचड़ में फंस गया है, धीरे धीरे दोनों गहरे पानी में समाने लगे। इसके पहले रामू ने अपनी बेटी को बचाने का भरपूर प्रयास किया। वह अपनी बेटी को पीठ से सिर पर बैठा लिया। नाक और मुंह में पानी जाने से पहले वह बेटी को एक बार फिर दोनों हाथों से सिर के ऊपर तक उठा लिया, अंतत: जब पानी में डूबने लगा तो बेटी भी हाथ से छूटकर गहरे पानी में समा गई। दोनों को पानी में समाते छोटा बालक विनोद व बच्ची आंशी देखते रह गए, परंतु कुछ कर नहीं पाए। कुछ देर बाद गांव के लोग आए और घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और गांव के धनेश्वर, बाबूलाल, अशोक, सहल सहित अन्य ने पानी में डूबे पिता-पुत्री की तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिली। इसकी सूचना एसडीआरएफ अंबिकापुर की टीम को दी गई। एसडीआरएफ की टीम सायं 7 बजे के करीब घटना स्थल आकर खोजबीन की परंतु रात होने के कारण वे भी इन्हें खोजने में सफल नहीं हो पाए और रेस्क्यू का काम रोकना पड़ा। शुक्रवार को सुबह सात बजे से फिर खोजबीन शुरू हुई, एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बासुदेव यादव के नेतृत्व में आई एसडीआरएफ की टीम इनके शव को ढूंढ निकालने में सफल हुई। कीचड़ में फंसे रामू को सबसे पहले पानी से निकाला गया, फिर छोटी लड़की को निकाला गया। इस दौरान उप निरीक्षक समरेन्द्र सिंह, प्रधान आरक्षक संतोष गुप्ता, आरक्षक देवनारायण कंवर, रविन्द्र साहू, अजय शर्मा, सैनिक अपिकेश्वर और नीरज साहू सक्रिय रहे।

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