बाबा साहब की जयंती पर लोकतंत्र को बचाने वॉक फार डेमोक्रेसी रैली, युवक कांग्रेस का आयोजन


अंबिकापुर। भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर युवक कांग्रेस ने लोकतंत्र को बचाने के लिये ‘वॉक फार डेमोक्रेसीÓ रैली का आयोजन किया। छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के आह्वान पर प्रदेश भर में युवक कांग्रेस इन रैलियों का आयोजन कर रहा है। युवक कांग्रेस के तत्वावधान में आयोजित रैली में जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद थे। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में जिस प्रकार से लोकतांत्रिक संस्थाओं को आधार विहीन किया जा रहा है और जिस प्रकार से देश में एकदलीय शासन व्यवस्था को स्थापित करने के लिए विपक्षी नेताओं के विरुद्ध अलोकतांत्रिक कार्रवाई की जा रही है, उसके विरोध में इस रैली का आयोजन किया गया था।
रैली जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन से प्रारंभ होकर संगम चौक पहुंची, यहां से अंबेडकर चौक पहुंच कर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा में कांग्रेस के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। रैली में पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश गुप्ता, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत सिन्हा, विनय शर्मा, अतुल शर्मा, प्रमोद चौधरी, अनूप मेहता, युवक कांग्रेस अध्यक्ष विकल झा, प्रतीक विश्वकर्मा, आलोक सिंह, नितिश चौरसिया, रजनीश सिंह, सतीश बारी, आतिफ रजा, विकास केशरी, निलेश कश्यप, मिथुन सिंह, आशीष जायसवाल, धीरज पटवा, निक्की खान, उत्तम राजवाड़े, अमित तिवारी, आमिर सोहैल, हिमांशु अग्रवाल, आकाश अग्रहरि, हिमांशु जायसवाल, शिप्पू सिंह, आशीष जायसवाल, धीरज गुप्ता, पवन साय, आकाश यादव, संजर, नवाज अभिषेक सोनी, गगन निगम, पवन सोनी, काजल गुप्ता, आरती सिंह, मंटू गुप्ता, राहुल गुप्ता, जयप्रकाश गुप्ता, अविनाश ठाकुर सहित अन्य शामिल थे।
बाबा साहेब को राजीव भवन में कांग्रेस ने दी श्रद्धांजली
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 14 अप्रैल 1991 को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रेदश में इंदौर के महू में हुआ था। उनकी 132वीं जयंती पर आायोजित सभा को संबोधित करते हुए पीसीसी महामंत्री द्वितेन्द्र मिश्रा ने कहा कि बाबा साहब के कानून की विशेषज्ञता और विभिन्न देशों के संविधान के ज्ञान ने उनके
द्वारा भारत के संविधान के निर्माण में एक विशिष्ट योगदान का काम किया। अपनी काबिलियत के दम पर ही वे स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री बने। जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा बाबा साहब का यह मानना था कि जीवन लंबा होने के बजाय महान होना चाहिए, वे उस धार्मिक मान्यता को पसंद करते थे, जो समाज में स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाता है। उनका कहना था धर्म मनुष्य के लिए है, न कि मनुष्य धर्म के लिए। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा बाबा साहब उसी समाज को प्रगतिशील मानते थे, जिसमें महिलाओं ने बराबरी से प्रगति की है। कानूनी स्वतंत्रता से अधिक वे सामाजिक स्वतंत्रता को महत्वपूर्ण मानते थे। बाबा साहब की जयंती पर आयोजित सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ, कनिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल थे।

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