अंबिकापुर। नंगे पांव सत्याग्रह के संयोजक राजेश सिंह सिसोदिया ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा दिनांक 26 मई 2023 को आयोजित उपनिरीक्षक परीक्षा की चयन सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए, मंडल के मुख्य नियंत्रक सुधीर उपरीत से उचित व निष्पक्ष आधार पर सूची जारी करने की मांग की है। सिसोदिया ने बताया है कि सूक्ष्म परीक्षण के बाद चयन सूची में गंभीर त्रुटियां नजर आ रही हैं।
आरोप है कि सामान्य कोटे से प्रारंभिक परीक्षा में 165 अंक प्राप्त करने वाले नेम सिंह का चयन सामान्य कोटे के भर जाने के बाद किया जाना और इनसे ज्यादा 168.5 अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी शुभम महापात्रा समेत कई अभ्यर्थियों को वंचित रखना समझ से परे है। प्रारंभिक परीक्षा में नेम सिंह का अनुक्रमांक 007025 था, जबकि शुभम महापात्रा का 007043। उल्लेखनीय है कि व्यापम छत्तीसगढ़ द्वारा पक्षपात पूर्ण तरीके से जारी की गई मुख्य परीक्षा सूची में नेम सिंह का अनुक्रमांक 007103 है। इसके अलावा पुलिस कोटा खत्म/पूरा होने के बाद 121 अंक प्राप्त करने वाले विवेक सिंह का चयन मुख्य परीक्षा की सूची में गंभीर गड़बड़ी व पक्षपात को उजागर करता है, जबकि विवेक सिंह से ज्यादा अंक चितरंजन सिंह ने 125 अंक प्राप्त किया है। प्रारंभिक परीक्षा में विवेक सिंह का अनुक्रमांक 025634 है, जबकि चितरंजन सिंह का अनुक्रमांक 024879 है। मुख्य परीक्षा में विवेक कुमार सिंह का अनुक्रमांक 017503 है। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति कोटे के पूर्ण होने के बाद गणेश प्रताप सिंह का चयन 100 अंक प्राप्त करने के बाद हो गया, जबकि इनसे ज्यादा अंक 103.125 अंक प्राप्त करने वाले धनेश्वर प्रसाद को वंचित रखा गया। प्रारंभिक परीक्षा में गणेश प्रताप सिंह का अनुक्रमांक 043352 था, जबकि धनेश्वर प्रसाद का अनुक्रमांक 043297 था। वहीं मुख्य परीक्षा में गणेश प्रताप सिंह का अनुक्रमांक 020493 है। सिसोदिया ने कहा है कि ज्यादा अंक प्राप्त करने वालों का विश्लेषण सूचियों के गहन अध्ययन के बाद किया गया है, इनका उल्लेख नमूना बतौर किया गया है। संपूर्ण सूची का गहन विश्लेषण करने के बाद और गड़बड़ियां उजागर होंगी। उन्होंने कहा है कि व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम और 26 मई 2023 को होने वाली मुख्य परीक्षा सूची में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने व्यवसायिक परीक्षा मंडल से निष्पक्ष व उचित सूची निकालने और तब तक के लिए 26 मई 2023 को होने वाली परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की है।
हालांकि इस मामले में छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर, इस तरह के आरोपों को लेकर कहा है कि यह सरासर गलत है।